उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और तराई क्षेत्र से लाखों की संख्या में लोग सऊदी अरब, यूएई, कतर जैसे खाड़ी देशों में काम करते हैं.लेकिन सऊदी या अन्य खाड़ी देशों का वीजा पाने के लिए लोगों को पुलिस थाने से लेकर वीजा ऑफिस तक लंबे चक्कर लगाने पड़ते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सऊदी अरब के वीजा (Saudi Arabia Visa) के लिए पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (Police Clearance Certificate) नहीं देना होगा.



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पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट को लेकर छूट वीजाधारकों को दी गई है. नई दिल्ली में  सऊदी एंबेसी ने ट्वीट कर ये जानकार दी है. सऊदी अरब में 20 लाख से अधिक भारतीय रहते हैं. इनमें से बड़ी तादाद में प्रवासी यूपी के गोरखपुर, महराजगंज, आजमगढ़, बहराइच-बस्ती, अंबेडकरनगर, अयोध्या (फैजाबाद) से ताल्लुक रखते हैं. 


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सऊदी अरब या अन्य खाड़ी देशों का वीजा पाने के लिए स्थानीय थाना या पुलिस स्टेशन से पुलिस सत्यापन प्रमाणपत्र पाने की जरूरत नहीं होगी. कई बार तो वीजा से जुड़े कागजात तैयार कराने के लिए भोले भाले युवक एजेंटों के चक्कर में फंस जाते हैं औऱ लाखों रुपये की पूंजी गंवा बैठते हैं.गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया में हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया था. इसमें पुलिस वेरिफिकेशन से लेकर वीजा औऱ फ्लाइट का टिकट इंतजाम करने का वादा कर ठगों ने युवकों ने 10 लाख रुपये से ज्यादा की रकम ऐंठ ली. उन्हें फर्जी वीजा और फ्लाइट का नकली टिकट पकड़ा दिया था.  


सऊदी अरब के संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई में करीब 35 लाख प्रवासी भारतीय (NRI) रहते हैं. यह यूएई की कुल जनसंख्या का 38 फीसदी है. कुवैत, ओमान और कतर में भी यह संख्या 10-10 लाख के करीब है. 


सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों में काम कर रहे भारतीय हर साल बड़ी मात्रा में धनराशि भी स्वदेश भेजते हैं. इस रेमिटेंस (remittance) से मिलने वाली विदेशी मुद्रा सरकार को भी फायदा पहुंचाती है. 


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