नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा (Noida News) में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. यहां प्रदूषण को कम करने के लिए एक अक्टूबर से ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू की तैयारी है, जिससे चलते लोगों को बिजली कटौती की समस्या से दो-चार होना पड़ेगा. नोएडा-ग्रेटर नोएडा की हाईराइज सोसाइटियों में रहने वाले करीब पांच से छह लाख लोगों पर इसका असर पड़ सकता है. इन लोगों के लिए बिजली संकट पैदा हो सकता है. डीजल जनरेटर पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. 


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1 अक्टूबर से लागू होगा ग्रैप
जानकारी के मुताबिक नोएडा-ग्रेटर नोएडा की करीब 1500 सोसाइटियों में पांच से छह लाख की आबादी रहती है. इनमें से 90 प्रतिशत सोसाइटियों में बिजली के लिए डीजल जनरेटर का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, कुछ सोसाइटियों में सीएनजी जनरेटर की व्यवस्था कर ली गई है. ग्रैप लागू होने पर लोगों को बिजली की समस्या का सामना करना पड़ेगा. लोगों का कहना है कि हर साल ग्रैप लागू करने का आदेश दे दिया जाता है. जब तक यह लागू रहता है तब तक लोगों के घर बिजली नहीं आती. सोसाइटी के लिफ्ट बंद हो जाने पर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही लोगों को रोजमर्रा के कामों में परेशानी होती है. 


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ग्रैप लागू होने से उद्योगों पर पड़ सकता है असर


बताया जा रहा है ग्रैप लागू होने का असर नोएडा के कई सारे उद्योगों पर पड़ेगा. नोएडा में करीब 10 हजार उद्योग संचालित किए जाते हैं. इनमें से करीब ढाई हजार उद्योग बिना बिजली के भी चल सकते हैं. वहीं, करीब तीन हजार फैक्ट्रियां बिजली से ही संचालित होती हैं. बिजली जाने पर ये फैक्ट्रियां डीजल जनरेटर से चलते हैं. ऐसे में ग्रैप लागू होने से इनका कामकाज ठप हो जाएगा. इस परेशानी से निपटने के लिए इन फैक्ट्री मालिकों ने अन्य इंतजाम किए है. इन्होंने अपने डीजल जनरेटर को गैस आधारित जनरेटर में बदलवा लिया है. इसके बाद भी करीब तीन हजार उद्योग बिजली कटौती से प्रभावित हो सकते हैं.


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