नोएडा: डॉग अटैक के बढ़ते मामलों को लेकर लोगों में डर है. आए दिन स्ट्रीट डॉग के अलावा पेट डॉग लोगों पर हमला कर रहे हैं. ऐसी कई घटनाएं सामने आईं पीड़ितों की शिकायत पर डॉग ओनर के खिलाफ कार्रवाई की गई. इसी बीच पिटबुल जैसे खतरनाक ब्रीड के कुत्ते पालने वाले लोग अपने डॉग्स को छोड़ रहे हैं. इसके लिए डॉग ओनर्स फोन कर NGO में अपने कुत्तों को छोड़ने की बात कह रहे हैं. 


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एक दर्जन से ज्यादा कुत्तों को मालिकों ने NGO के बाहर छोड़ा 
HSA एनिमल क्लीनिक एंड डिस्पेंसरी के फाउंडर संजय सिंह ने बताया कि पिछले 2 महीने में उनके पास 16 से 17 कुत्ते आ चुके हैं. इन कुत्तों को हम ट्रेनिंग देते हैं. उनका हेल्थ चेकअप करते हैं. फिर उनको अडॉप्शन के लिए देते हैं. हमारे पास पिटबुल, सेंट बर्नाड, जर्मन शेफर्ड जैसे डॉग छोड़कर गए हैं. लोग आस-पास बांधकर चले जाते हैं. हमारे पास 250 से ज्यादा कॉल आ चुके हैं कि हम अपना पेट आपको देना चाहते हैं. 


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कुत्ते को ट्रेंड नहीं कर पाते हैं लोग 
संजय महापात्रा का कहना है कि लोग कुत्ते को ट्रेंड नहीं कर पाते हैं. अपने पेट की अच्छी ट्रेनिंग दी जाए और समय से नसबंदी कराई जाए, तो डॉग अटैक की घटनाएं कम हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि हमने एक अवेयरनेस टीम बनाई है. जो आस-पास के लोगों को समझाते हैं कि इस तरह अपने पेट डॉग्स को ऐसे ना छोड़ें. उन्हें अपने बच्चों की तरह पालें और उनका ध्यान रखें. ऐसा करने से कोई भी डॉगी कभी हाइपर नहीं होगा. 


सोसाइटी में किसी भी प्रजाति का पाल सकते हैं कुत्ता 
संजय ने आगे कहा कि सोसाइटी का रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) जो नियम बना रहा है, वो गलत है. उनके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है. आरडब्लयूए सिर्फ सोसाइटी के लोगों के लिए अपने अधिकार में रहकर नियम बना सकती है. वो किसी कुत्तों को लेकर नियम नहीं बना सकते. अगर वो ऐसा कर रहे हैं तो गलत कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट कह चुका है कि आप अपनी सोसाइटी में किसी भी प्रजाति का कुत्ता पाल सकते हैं. 


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उन्होंने आगे कहा कि हमारी संस्था के आस-पास कई पेट ऑनर अपने कुत्ते को बांधकर चले जाते हैं, जिन्हें हम नहीं देख पाते है. लेकिन अगर कोई भी ऐसा करता दिखाई देता है,  तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे.