Oldest Bridge in UP : यूपी में 500 साल से भी पुराना एक पुल, अंग्रेजों के जमाने के पुल आज भी लोहालाट
Oldest Bridge in Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में 500 से भी पुराना मुगलकालीन शाही ब्रिज है. मालवीय ब्रिज, ओल्ड नैनी ब्रिज जैसे कई ब्रिटिशकालीन पुल भी हैं.
Oldest Bridge in Uttar Pradesh :उत्तर प्रदेश में अंग्रेजो के जमाने के ही नहीं बल्कि मुगलकालीन जमाने के भी पुल हैं, जो आज भी मजबूती से खड़े हैं यूपी में ओल्ड नैनी ब्रिज, मालवीय ब्रिज, एल्गिन ब्रिज ऐसे ही पुराने पुलों में शुमार हैं.
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500 साल से भी ज्यादा पुराना अकबरी ब्रिज
शाही ब्रिज या मुनीम खान (Munim Khan Bridge) ब्रिज, अकबरी ब्रिज (Akbari Bridge) या मुगल ब्रिज को जौनपुर ब्रिज नाम से भी जाना जाता है, जो यूपी के जौनपुर में गोमती नदी पर बना है. शाही ब्रिज 1.7 किलोमीटर लंबा है, जो मड़ियाहू से किराकट को जोड़ता है. कहा जाता है कि शाही ब्रिज मुगल बादशाह अकबर ने 1568 में शुरू कराया था और मुनीम खान ने 1568-69 में पूरा किया था.
ओल्ड नैनी ब्रिज 157 साल पुराना
ओल्ड नैनी ब्रिज (Old Naini Bridge) उत्तर प्रदेश ही नहीं, भारत के सबसे पुराने और लंबे पुलों (longest and oldest bridge) में से एक है. 1865 में बना डबल डेक स्टील ट्रस ब्रिज यमुना नदी के दोनों छोर को जोड़ता है. 1006 मीटर लंबा ब्रिज प्रयागराज से नैनी को जोड़ता है.इसका ऊपरी हिस्सा नैनी जंक्शन रेलवे स्टेशन को इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन को जोड़ता है.जबकि निचला हिस्सा 1927 से सड़क परिवहन के लिए है.
एलगिन ब्रिज - 125 साल पुराना
बाराबंकी में बना 3695 लंबा एलगिन ब्रिज (Elgin Bridge) घाघरा नदी पर बना है.नार्थ ईस्टर्न रेलवे जोन के बाराबंकी-गोंडा सेक्शन पर यह इंडियन रेलवे का पुल है.लखनऊ (Lucknow) से 73 किलोमीटर दूर यह पुल शारदा औऱ घाघरा नदी दोनों को कवर करता है. यह 18 दिसंबर 1896 को बंगाल और नार्थ वेस्टर्न रेलवे पर जरवाल रोड बहरामघाट सेक्शन चालू होने के साथ बना था. गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया लार्ड एल्गिन के नाम पर यह बना था. तहसील राम सनेही घाट बहुत प्रसिद्ध है.
मालवीय ब्रिज : 130 साल पुराना
मालवीय ब्रिज (Malwiya Bridge) 1887 में वाराणसी में गंगा नदी पर 1048.5 मीटर लंबा बना डबल डेकर ब्रिज है. यह गंगा नदी पर सबसे लंबे पुलों में है, ग्रांड ट्रंक रोड यानी जीटी रोड (GT Road) भी इसी से गुजरती है.अवध और रुहेलखंड रेलवे के इंजीनियरों (Awadh and Rohilkhand Railway company) ने यह ऐतिहासिक ब्रिज बनाया. 1948 में इसका मदन मोहन मालवीय नाम पड़ा. यह काशी के वाराणसी (Varanasi)जंक्शन और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन स्टेशन के बीच पड़ता है.
कुशीनगर और देवरिया के बीच 100 साल पुराना ब्रिटिश हुकूमत में बना पुल
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के हेतिमपुर (Hetimpur Bridge Kushinagar) में अंग्रेजों के जमाने का छोटी गंडक नदी पर बना पुल भी इसी लिस्ट में है. कुशीनगर के हेतिमपुर में कुशीनगर और देवरिया जनपद की सीमा से होकर गुजरने वाली छोटी गंडक नदी पर पुल अंग्रेजी हुकूमत ने 1904 में बनाया था. यह 118 साल पुराना हो चुका है.
लार्ड कर्जन के नाम पर इस दोमंजिला पुल का नामकरण
सन 1899 से 1905 तक वायसराय रहे लार्ड कर्जन (Lord Curzon Wylie) के नाम पर प्रयागराज में पुल बना था. 1901 में इसका निर्माण शुरू हुआ और जनवरी 1902 में निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ. पुल की पहली मंजिल पर सिंगल ब्राड गेज रेलवे लाइन है. जबकि ऊपरी हिस्सा में सड़क. गंगा नदी पर बने इस पुल की लंबाई 5 किलोमीटर है.
Chahlari Ghat Bridge : ये सबसे लंबा पुल
चहलारी घाट ब्रिज : यूपी के बहराइच में चहलारी घाट ब्रिज (Chahlari Ghat Bridge) है, जिसे चहलारी घाट सेतु भी कहते हैं. ये बहराइच को सीतापुर से जोड़ता है. ये 3260 मीटर लंबा है. यह भारत में 10वां सबसे लंबा रिवर ब्रिज और नदी पर बना सबसे बड़ा रोड ब्रिज (longest road bridge) है. ये मुख्तार अनीस जिन्हें गंजेर का गांधी (anjer Ke Gandhi) की देन है.