मऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar ) को बड़ा झटका लगा है. सुभासपा के 45 अधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि महेंद्र राजभर के समर्थन में सभी अधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दिया है. कोपागंज में बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं ने बड़ा फैसला लिया है. सभी कार्यकर्ताओं ने सुभासपी की टोपी भी आज उतार दी. 


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ओम प्रकाश राजभर पर लगाए गंभीर आरोप 
महेंद्र राजभर ने ओमप्रकाश राजभर पर मनमाने तरीके से फैसले लेने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जब भी कोई कार्यक्रम करना होता है तो कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर वह कार्यक्रम को सफल बनाने की तैयारी करते हैं, जब कार्यकर्ता के सम्मान की बात आती है तो उन्हें नहीं पूछा जाता, न ही उनसे राय ली जाती है.बस दो से तीन लोग निर्णय लेते हैं. उन्होंने कहा कि राजभर अपने बड़े भाई मुख्तार अंसारी से भी राय लेकर पार्टी चलाते हैं. 


वहीं, ओपी राजभर के बेटे अरुण राजभर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुभासपा एक पाठशाला की तरह है. यहां आकर लोग सीखते हैं और जब बड़ी डिग्री पाने की आकांक्षा जगती है, तो ऐसा कदम उठाते हैं. अरुण राजभर का कहना है कि महेंद्र काफी समय से पार्टी के सदस्य हैं और अभी तक काफी खुश थे. अचानक क्या हो गया?


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2017 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार को दिया था कड़ी टक्कर 
 पार्टी के संस्थापकों में शामिल रहे महेंद्र सुभासपा अध्यक्ष के काफी करीबी लोगों में रहे हैं. पार्टी में महेंद्र की अहमियत ओमप्रकाश के बाद दूसरे नंबर पर थी. वह पार्टी की रणनीति और नीति बनाने की प्रमुख भूमिका निभाते थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन में सुभासपा ने उन्हें मुख्तार के खिलाफ मऊ सदर से लड़ाया था, जिसमें महेंद्र को 89 हजार के करीब वोट मिले थे. वह मुख्तार से करीब 6 हजार मतों से पराजित हुए थे. पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें मऊ से प्रत्याशी बनाया था. 


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