प्रमोद कुमार/कुशीनगर: शौक और जुनून के कई किस्से सुनने और देखने को मिलते हैं. इसी प्रकार कुशीनगर जिले के एक बुजुर्ग 13 वर्ष की आयु से विभिन्न देशों के रुपये और सिक्कों का संकलन करते आ रहे हैं. शौक और जुनून इतना चढ़ा की 150 देशों के पुराने सिक्कों और रुपयों को इक्ट्ठा कर लिए इसके बाद अभी भी पुराने सिक्कों के तलाश में जुटे हुए हैं. 


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जुनून में बदल गया बचपन का शौक
कुशीनगर जिले के छोटे से कस्बे कप्तानगंज नगर के रहने वाले जगदीश खेतान को पिता की अलमारी में कुछ पुराने सिक्कों को देखकर ऐसा शौक जगा की वह उनका जुनून बन गया. इसके बाद उन्होंने दुर्लभ सिक्कों को एकत्र करने का अभियान शुरू कर दिया. आज खेतान के पास सिक्कों का भंडार है, जिनमें प्राचीन से लाकर मध्यकालीन और आधुनिक सिक्के शामिल हैं.



उनके पास तक्षशिला का 2200 वर्ष पुराने सिक्के से लेकर 10 महाजनपदों के शाक्य, मगध, गांधार के 2600 वर्ष पुराने सिक्कों के साथ ही गुरुमुखी भाषा में राम टका सहित बड़ी संख्या में दुर्लभ सिक्कों का बहुमूल्य भंडार है. सिक्कों के साथ ही जगदीश खेतान के पास दुर्लभ नोट का भी संग्रह है. उनके पास जार्ज पंचम के समय का एक रुपये का सिक्का व एडवर्ड के कार्यकाल का एक पैसे का ऐसा सिक्का है, जो शायद ही किसी ने देखा हो. अब इस सिक्के को लकी सिक्का कहा जाता है जो दुर्लभ श्रेणी में भी आता है.


पास में हैं मुगलकाल से लेकर अंग्रेजों के जमाने के नोट और सिक्के
जगदीश खेतान बताते हैं कि सिक्का संग्रह करने का काम उन्होंने अपने छात्र जीवन में 1957 से शुरू किया था. मुगल बादशाह जहांगीर की ओर से दरबारियों को नजराना में दिया जाने वाला सिक्का उपलब्ध है. साथ ही इनके पास एक रुपये का ऐसा नोट है, जिस पर अंग्रेज बादशाह जार्ज षष्टम का चित्र और भारत-पाकिस्तान सरकार भी लिखा हुआ है. दो हजार से अधिक प्राचीन सिक्कों में मगध का पंच मार्क, शाक्य वंश का सात ग्राम वजन का सिक्का, नागवंश व सिकंदर के कार्यकाल का भी सिक्का है.


चीन, अमेरिका समेत 150 देशों के सिक्कों का किया संग्रह
जगदीश खेतान भारतीय मुद्रा परिषद वाराणसी के सदस्य भी हैं, जिन्होंने अपने सिक्कों के संग्रह में प्राचीन भारतीय सिक्कों के अलावा चीन, जापान, कोरिया, श्रीलंका, अमेरिका, केन्या, फिलिस्तीन, फीजी, पुर्तगाल, क्यूबा, पोलैंड, ईरान, मिश्र समेत 150 देशों के सिक्के संग्रह किये हुए हैं. 1951 में जारी हुआ 1000 के तीन नोट जिस पर गवर्नर बी रामा राव, निर्मल चंद गुप्ता, केआर पुरी के हस्ताक्षर हैं जो आज भी इनके पास सुरक्षित हैं.