मनोज चतुर्वेदी/बलिया : कहते हैं आवश्‍यकता आविष्‍कार की जननी होती है. इसे बलिया के एक 11वीं के छात्र ने साबित कर दिखाया है. 11वीं के इस छात्र को स्‍कूल जाने के लिए 11 से 12 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था. ऐसे में वह कई बार स्‍कूल के लिए लेट भी हो जाता था. जरूरत पड़ी तो छात्र ने अपनी साइकिल को स्‍वचालित बना दिया. कम खर्च में प्रदूषण एवं ध्‍वनि मुक्‍त वाहन बनाने का यह कारनामा चर्चा का विषय बना हुआ है.    


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आसपास के लोग भी ला रहे अपनी साइकिल 
दरसअल, बलिया जनपद के चिलकहर ब्लाक अंतर्गत गौरा गांव के रवि शेखर यादव जब सातवीं में पढ़ रहे थे तभी यह आविष्‍कार कर दिया था. अब वह औरों की साइकिल को स्‍वचालित बना रहे हैं. आसपास के लोग उनके पास आ रहे हैं. कम खर्च में रवि उनकी साइकिल को स्‍वचालित बना रहे हैं. 


एक बार चार्ज होने पर चलती है 80 किलोमीटर 
छोटी सी यह कामयाबी से उम्मीदों को ऐसे पंख लगे कि रवि ने इसके बाद कई स्वचालित साइकिल बना दी. घर वालों ने हौसला बढ़ाया तो रवि ने मोटरसाइकिल और स्कूटी को भी लिथियम बैटरी लगाकर इलेक्ट्रिक बाइक और इलेक्ट्रिक स्कूटर की शक्ल दे दी. रवि के द्वारा बनाई गई बाइक 40000 के खर्च में तकरीबन एक बार चार्ज होने पर 80 किलोमीटर तक चलती है. वहीं, बड़ी बैटरी के साथ उसकी क्षमता 200 किलोमीटर तक हो जाती है. ऐसे में आसपास के कई जनपदों से लोग अपनी पुरानी बाइक को पेट्रोल के बजाय बैटरी से चलने वाला वाहन बनाने के लिए आर्डर दे रहे हैं. 


देश के लिए करना चाहते हैं नए-नए आविष्‍कार 
रवि का कहना है कि वह देश के लिए नए-नए आविष्कार करना चाहता है. सरकार मदद करे तो वह नए यंत्र भी तैयार करेगा. रवि ने अपना नया टारगेट फोर व्हीलर गाड़ियों को भी बैटरी से स्वचालित बनाना है. रवि का मानना है कि बढ़ते प्रदूषण और शोर-शराबे को खत्म करना है तो इलेक्ट्रिक और सोलर वाहनों का निर्माण जरूरी है. रवि के पिता बेटे के कारनामों से बेहद खुश हैं. उनका कहना है रवि आने वाले समय में कुछ बड़े प्रोजेक्ट पर भी काम करेगा. इससे आम आदमी सहित देश को बड़ा फायदा होगा. 


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