राजवीर चौधरी/बिजनौर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बिजनौर (Bijnor) अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. जहां बच्ची के पेट से ढाई किलो बाल निकला. सवाल ये है कि सिर का बाल इतनी अधिक मात्रा में बच्ची के पेट में आखिर कैसे पहुंचा. आइए बताते हैं पूरा मामला. 


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जानकारी के मुताबिक मासूम बच्ची की बचपन से बाल खाने की आदत उसकी जान के लिए आफत बन गई. जब उसके पेट में तेज दर्द होने लगा, तो डॉक्टरी जांच में पता चला कि मासूम बच्ची के पेट में बालों का गुच्छा है. इस तरह पेट में बाल का गुच्छा होने का खुलासा हुआ है. बाल के गुच्छे को निकालने के लिए घंटों कड़ी मशक्कत के बाद डॉक्टर के पैनल ने सर्जरी कर पेट से 2 किलो से अधिक बाल आखिरकार पेट से बाहर निकाला. इस तरह सफलता पूर्वक ये ऑपरेशन किया गया.


अल्ट्रासाउंड में हुआ खुलासा 
आपको बता दें कि बिजनौर शहर की रहने वाले महज 14 साल की मासूम बच्ची पिछले कई सालों से चोरी-छिपे बाल खा रही थी. बाल खाते-खाते मासूम बच्ची के पेट में बालो का भारी-भरकम गुच्छा पेट में जमा हो गया. इसकी वजह से मासूम बच्ची को अक्सर पेट में दर्द, उल्टी होती थी. ऐसे में वह कुछ खा भी नहीं पा रही थी. वहीं, बच्ची के पिता ने डॉक्टर प्रकाश के पाच बच्ची को ले गए. तब डॉक्टर ने उसके पेट का अल्ट्रासाउंड किया, तब अल्ट्रासाउंड में खुलासा हुआ और बच्ची के पेट में बालों के गुच्छे वाली गांठ नजर आई.


कैसे पनपती है बाल-खाने की बीमारी?
इस मामले में डॉ प्रकाश ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ये बीमारी अक्सर महिलाओं में कम देखने को मिलती है. बाल-खाने की बीमारी मानसिक रूप से पनपती है, जिसके तहत बाल खाने की आदत पड़ जाती है. बालों के गुच्छे को मेडिकल जुबान में ट्राईकोबेजार भी कहा जाता है. डॉक्टर के मुताबिक ट्राईकोबेजार बीमारी बहुत रेयर बीमारी है, ये लाखों में से किसी एक को होती है. फिलहाल, डॉक्टर प्रकाश ने पेट की सर्जरी कर पेट से लगभग ढाई किलो बाल का गुच्छा निकाल दिया है. वहीं, सर्जरी के बाद बच्ची स्वस्थ है, लेकिन अस्पताल में भर्ती है.