आशीष द्विवेदी/हरदोई: समाजवादी पार्टी की ओर से सुभासपा के किसी नेता को विधान परिषद ना भेजे जाने से नाराज सुभासपा नेता सुनील अर्कवंशी ने बड़ा बयान दिया है. सुनील अर्कवंशी का कहना है कि समाजवादी पार्टी उनकी उपेक्षा कर रही है. समाजवादी पार्टी ने गठबंधन धर्म नहीं निभाया जबकि सत्ताधारी दल गठबंधन धर्म निभाता है. 


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उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल ने अपने सहयोगियों को राज्यसभा भेजा और मंत्री बनाया लेकिन समाजवादी पार्टी गठबंधन धर्म को भूल गयी. अगर जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजा था तो सुभासपा से भी किसी नेता को अखिलेश यादव को विधान परिषद भेजना चाहिए था. हालांकि उन्होंने साफ किया कि अभी उनका गठबंधन समाजवादी पार्टी के साथ है और लोकसभा में वह समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को चुनाव लगाएंगे. 


हरदोई में बातचीत के दौरान सुभासपा नेता सुनील अर्कवंशी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के किसी नेता को विधान परिषद ना भेजे जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी ने 16 सीट हमें दी थीं. हम लोग 16 सीटों पर चुनाव लड़े और 6 सीट हासिल कीं. लोकदल को सपा ने 38 सीटें देने का काम किया. उन्होंने मात्र 8 सीटें जीतीं, सपा ने उनको राज्यसभा भेजने का काम किया. 


उन्होंने कहा कि गठबंधन का धर्म यह होता है कि जो भी पार्टियां हैं आप उनकी अपेक्षा ना करके जो भी हिस्सेदारी बनती है, उसको देने का काम करना चाहिए था. जैसे महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का बयान आया सपा ने उनकी उपेक्षा की, संजय चौहान का बयान आया आपने उनकी उपेक्षा की, इससे साबित होता है कि आपने गठबंधन धर्म पूरी तरीके से निभाने का काम नहीं किया है. 


वहीं सत्तापक्ष को देख लीजिए उनके साथ जो भी पार्टियां गठबंधन में हैं, उनको उन्होंने राज्यसभा भेजने का काम किया, मंत्रिमंडल में शामिल किया हम सिर्फ कहना चाहते हैं कि गठबंधन धर्म का मतलब चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष जिसकी जितनी हिस्सेदारी हो उसको हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. 


सुभासपा नेता ने कहा कि गठबंधन को लेकर हमारा कोई ऐसा बयान नहीं है, ना ही हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष का कोई बयान है हम लोगों का गठबंधन समाजवादी पार्टी के साथ है. आजमगढ़ और रामपुर का चुनाव होने वाला है. हम लोग पूरी तरीके से अभी तक समाजवादी पार्टी के साथ हैं और चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर उन्हें लड़ाएंगे. 


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