Periods Leave News: माहवारी यानी पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. पीरियड में दर्द होना आम बात है. भारत में इसे लेकर खुलकर बात भी नहीं होती, ऐसे में पीरियड्स के दौरान महिलाओं को छुट्टी को लेकर मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां पीरियड के दौरान महिलाओं के लिए अतिरिक्‍त छुट्टी का प्रावधान है. अब भारत में भी इसको लेकर सर्वोच्‍च न्‍यायालय में एक याचिका दाखिल की गई है. तो आइये आपको बताते हैं कि किन-किन देशों में पीरियड्स के दौरान छुट्टी का प्रावधान है और भारत में यह मामला कोर्ट में क्‍याें है.   


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दुनिया के इन देशों में है छुट्टी का प्रावधान 
इंडोनेशिया, स्‍पेन, जापान, दक्षिण कोरिया, यूके, वेल्‍स, चीन, ताइवान, और जांबिया में माहवारी यानी पीरियड्स के दौरान महिलाओं के लिए बाकायदा अतिरिक्‍त छुट्टी का प्रावधान है. खास बात यह है कि इस छुट्टी के लिए महिलाओं के वेतन में कटौती भी नहीं की जाती है. रूस और आस्ट्रेलिया में भी जल्द यह नियम लागू हो सकता है. 


भारत के इन कंपनियों में भी अवकाश 
भारत के कुछ कंपनियों में पीरियड के दौरान 2 दिन की छुट्टी का प्रावधान है. इसमें ऑनलाइन खाना डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो (Zomoto), इविपनन, बायजू (Byju), स्विगी (Swiggy), मातृभूमि (Matrubhumi), मैग्टर (Magzter), इंडस्ट्रीज (Industry), एआरसी (ARC), फ्लाईमाईबिज (FlyMyBiz) और गूजूप शामिल हैं. 


सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर  
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) में इसी साल 10 जनवरी को जनहित याचिका दाखिल की गई. इसमें महिलाओं को हर महीने पीरियड्स यानी मासिक धर्म के दौरान अवकाश देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता शैलेंद्र मणि त्रिपाठी के मुताबिक, गर्भावस्‍ता के लिए अवकाश का प्रावधान है तो ऐसे में पीरियड्स के दौरान भी छुट्टी का प्रावधान होना चाहिए.  


क्‍या कहते हैं अध्‍ययन के नतीजे  
दुनियाभर में पीरियड्स के दौरान होने वाली तकलीफों को लेकर अध्‍ययन किया जा चुका है. इसमें से कुछ नतीजों में बताया गया है कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान इतना दर्द होता है जितना कि किसी शख्स को दिल का दौरा पड़ने पर होता है. ऐसे में काम पर भी असर पड़ना लाज़िमी है. 


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