PM Modi Birthday: भारत के प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी का 17 सितंबर को 72 साल के हो रहे हैं. गुजरात के सीएम बनने से लेकर देश के पीएम बनने तक नरेंद्र मोदी ने उस राज्य और इस राष्ट्र, दोनों का ही कायाकल्प कर दिया. बड़ी बात यह है कि 2014 से लेकर मौजूदा समय तक उत्तर प्रदेश पर भी पीएम मोदी  का हाथ रहा है और यहां के विकास में उनका बड़ा योगदान है. सभी जानते हैं कि पीएम मोदी वाराणसी से सांसद हैं. उनके आने के बाद से वाराणसी का कायाकल्प कैसे हुआ यह सभी ने देखा. आज बात करते हैं उसी राह के बारे में जिसपर पीएम मोदी के आने के बाद से काशी चल पड़ा है.


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बनारस को खूब मिलीं सौगातें
केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से बनारस को योजनाओं और परियोजनाओं की खूब सौगात मिली है. सबसे बड़ी बात यह है कि यहां कई प्रोजेक्ट्स बड़ी स्पीड में पूरे परियोजनाएं पूरी हो गई हैं. कुछ का कार्य प्रगति पर है. आइए जानते हैं इन परियोजनाओं के बारे में...


ये प्रोजेक्ट्स हो चुके हैं पूरे
सांसद के तौर पर पीएम मोदी ने काशी का खूब ख्याल रखा है. मंडु़वाडीह फ्लाईओवर, कनवेंशन सेंटर समेत कई ऐसी सौगातें हैं, जो बनारस वासियों को मिल चुकी हैं. वहीं, ऊर्जा गंगा पीएनजी परियोजना, रिंग रोड फेज-1, बाबतपुर-वाराणसी फोर लेन, आईपीडीएस, कबीरचौरा के पास हेरिटेज वॉक सहित कई काम पूरे कर लिए गए हैं. इतना ही नहीं, आईडब्ल्यूटी मल्टी मॉडल टर्मिनल रामनगर, इंटर मॉडल स्टेशन, गावों का विद्युतीकरण, वाराणसी जल संपूर्ति योजना, चौकाघाट लहरतारा फ्लाईओवर, दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में 50 बेड का महिला चिकित्सालय भवन, बाबतपुर- बलुआ ब्रिज मार्ग का चौड़ीकरण, 140 एमएलडी एसटीपी दीनापुर, आदि सांसद मोदी की विकास के सपने को पूरा कर रहे हैं.


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विश्वनाथ कॉरिडोर ने बढ़ाई भव्यता
अब बात करते हैं काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की... पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर अब तक की सबसे बड़ी सौगात है जो काशी को मिली है. कॉरिडोर ने न केवल विश्वनाथ मंदिर को और भव्यता प्रदान की है, बल्कि जनता को सुविधा भी खूब दी है. जग जाहिर है कि पीएम मोदी ने पूरी जिम्मेदारी के साथ इस बीड़ा उठाया और इसे पूरा कर के दिखाया. मंदिर से गंगा घाट तक 10 से 15 मीटर चैड़ा पाथ-वे का निर्माण कराया गया है. पीएम मोदी का प्लान था कि मंदिर में श्रद्धालुओं का स्वागत कुछ इस तरीके से किया जाए कि हर व्यक्ति बार-बार आने को उत्साहित हो.


वाराणसी बना पूर्वांचल का बिजनेस हब
पीएम मोदी ने बीते 8 साल में काशी को पूर्वांचल का बिजनेस हब बना दिया है. रोड से लेकर ट्रीटमेंट प्लांट, नेक्स्ट जेन इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर ट्रांसपोर्ट फैसिलीटीज तक, सिटी कमांड के जरिए ट्रैफिक मैनेजमेंट से लेकर अंडरग्राउंड केबलिंग तक... बनारस किसी हाई-फाई शहर से कम नहीं लगता. बनारस के घाट और वहां पर लगे हेरिटेज लाइट, सांस्कृतिक आयोजनों के लिए बनाए गए कई भवन, बनारस की जरूरतों को पूरा करते हैं.


'गेटवे ऑफ बनारस' का निर्माण
मालूम हो, 17.6 किलोमीटर लंबे बाबतपुर-वाराणसी हाईवे को 'गेटवे ऑफ बनारस' कहा जा रहा है. काशी के किसी भी इलाके से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचने के लिए बनाया गया यह हाईवे बनारस का ब्रांड नेम बन गया है. इसकी वजह से फॉरेन टूरिस्ट्स भी पहले से ज्यादा आने लगे हैं. 


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मल्टी मोडल टर्मिनल की शुरुआत
यह प्रोजेक्ट गंगा में वॉटर ट्रांसपोर्ट के जरिये बनारस से हल्दिया तक कार्गो शिप भेजने के लिए रामनगर में स्थापित किया गया है. मल्टी मोडल टर्मिनल का शुरू होना किसी सपने के सच होने जैसा है. 1947 से लेकर मौजूदा समय तक यह प्रोजेक्ट पहला इनलैंड वाटर परिवहन प्रोजेक्ट है. काशी हमेशा इसके लिए जाना जाएगा. साल 2018 में पीएम मोदी ने इसका उद्घाटन किया था और कहा था कि काशी नेचर, कल्चर और एडवेंचर का संगम बनने जा रही है.


वाराणसी की दीवारों पर संस्कृति की झलक
काशी की दीवारें अब हमेशा के लिए संस्कृति और धरोहर से लोगों को रूबरू कराती रहेंगी. भारत रत्नों से लेकर काशी के जबरदस्त कलाकार और महापुरुषों तक.. सभी के चित्र दीवारों पर जीवंत हैं. पीएम मोदी ने इसको 'हृदय' नाम दिया है. अस्सी घाट, दुर्गाकुंड, कबीरचैरा, लहुराबीर, डीरेका, नरिया आदि जगहों पर बनी कलाकृतियों में कहीं गंगा घाट, विश्वनाथ मंदिर तो लहुराबीर में क्वींस कॉलेज की दीवारों पर चरखा चलाते बापू, शहनाई बजाते भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां दिखते हैं. 


बनारस बनेगा स्मार्टसिटी
स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट के तहत 5 पार्क्स को थीम के आधार पर डेवलप किया जा रहा है. शास्त्री नगर पार्क को सेल्फी थीम मिला है तो वहीं गुलाब बाग पार्क को गुलाबबाड़ी की तर्ज पर विकसित किया दा रहा है. इसके अलाा, मच्छोदरी पार्क सौर ऊर्जा पर आधारित होगा और रवींद्रपुरी पार्क का विकास शेड एंड लाइट शो की थीम पर किया जाएगा. 


रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर को शिवलिंग की आकृति के आधार पर बनाया गया है. यह बनारस के सिगरा इलाके में बना हुआ है. इस कन्वेंशन सेंटर में स्टील के 108 रुद्राक्ष के लगाए गए हैं. सनातन परंपराओं के अनुसार, रुद्राक्ष की माला में 108 दाने होते हैं. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का निर्माण 10 जुलाई 2018 से शुरू हुआ था. अब इंडिया-जापान की सहभागिता और दोस्ती का प्रतीक रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर बनकर पूरी तरह तैयार खड़ा है.


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