गौतमबुद्ध नगर: उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 15 अक्टूबर यानी कल से ग्रैप लागू होने जा रहा है. वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए कंस्ट्रक्शन और डीजल जनरेटर पर रोक नहीं लगेगी. साथ ही, सड़कों की सफाई, पानी का छिड़काव भी लगातार होता रहेगा. वायु प्रदूषण जैसे ही बढ़ेगा, वैसे ही सख्ती भी बढ़ा दी जाएगी. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इससे निपटने के लिए जिले में आठ हॉट स्पॉट बनाए हैं. तीनों प्राधिकरणों सहित 19 विभागों को प्रदूषण कंट्रोल करने की ज़िम्मेदारी दी गई है.


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उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आठ ऐसे स्पॉट की पहचान की है जो जिले की हवा को जहरीली बना रहे हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन स्थानों पर स्वच्छ हवा के उपायों की जानकारी भी दी है. साथ ही 19 विभागों को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है. भवन निर्माण, वाहनों का धुआं, सड़कों की धूल, औद्योगिक इकाइयों का उत्सर्जन को वायु प्रदूषण का मुख्य कारण माना गया है. वहीं, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वायु प्रदूषण के अलग-अलग कारण बताए गए हैं.


नोएडा और ग्रेटर नोएडा के इन जगहों को बनाया गया हॉट स्पॉट
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सेक्टर-73 से 78, सेक्टर-79, यमुना पुस्ता क्षेत्र, नोएडा गेट, महामाया फ्लाइओवर, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, दादरी रोड, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के आसपास निर्माणाधीन स्थल और अंडरपास, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और यूपीएसआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र को हॉट स्पॉट बनाया गया है. इन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के अलग-अलग कारण माने गए हैं.


इन प्राधिकरणों को दिया गया निर्देश 
नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण और यूपी राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया गया है कि वे शहर के कुछ हिस्सों में मशीनों से सफाई की काम को बढ़ाएं और जब भी आवश्यक हो, सड़कों पर पानी का छिड़काव सुनिश्चित करें.


15 अक्टूबर से लागू हो जाएगा ग्रैप 
बता दें कि 15 अक्टूबर से दोनों शहरों में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू कर दिया जाएगा. इसके बाद से डीजल जनरेटर, हॉट मिक्स प्लांट, भवन निर्माण आदि बंद कर दिए जाएंगे. वहीं, वायु प्रदूषण बढ़ने पर सड़कों पर दिन में दो बार पानी का छिड़काव, सड़कों की सफाई आदि का काम भी शुरू होगा. इसके लिए नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण और यूपी राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया गया है.


सबसे अधिक वायु प्रदूषण 2019 में दर्ज किया गया था 
गौतमबुद्ध नगरर जिले में सबसे अधिक वायु प्रदूषण वर्ष 2019 में एक नवंबर को दर्ज किया गया था. नोएडा का एक्यूआई 499 था. वहीं ग्रेटर नोएडा का 496 था. अक्टूबर से जनवरी तक ज्यादातर दिन ग्रेटर नोएडा और नोएडा का एक्यूआई 400 दर्ज किया जाता है. तीन साल से दिवाली के दिन से भी अधिक प्रदूषण अन्य दिनों की तुलना में दर्ज हो रहे हैं.


कैसे होता है निर्धारण?
हॉट स्पॉट के निर्धारण के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम अलग-अलग स्थानों का जायजा लेती है. टीम जाम, भवन निर्माण स्थल, धूल, औधोगिक इकाइयों का उत्सर्जन, आदि की स्थितियों को देखती है. इसके बाद हॉट स्पॉट का निर्धारण किया जाता है. नियमित रूप से क्षेत्र में रहने वाले कर्मचारियों से इस बारे में मदद ली जाती है. साथ ही वायु प्रदूषण मापने वाली मशीन के आंकड़ों को भी आधार बनाया जाता है. जाम वाले प्वाइंट, औद्योगिक क्षेत्र से उत्सर्जन, भवन निर्माण क्षेत्र को इसमें शामिल किया जाता है.


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