नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: क्या आपको पता है कि सेब की खेती अब उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी जा सकती है, यह सुनकर बहुत अच्छा लगता है क्योंकि अभी तक इसकी खेती पहाड़ी और ठंडे इलाकों में ही होती आ रही थी. खासकर हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर दुनियाभर में सेब की खेती के लिए जाने जाते हैं, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में भी सेब की खेती शुरू हो गई है.


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बाराबंकी जिले के उत्तम वर्मा प्रदेश में सेब की खेती करने वाले पहले प्रगतिशील किसान हैं. ऐसे में इस बात ने सभी को हैरत में भी डाल दिया है, कि आखिर यहां के तापमान में सेब की खेती कैसे हो सकती है. 2009 में डी फार्मा की पढ़ाई पूरे करने वाले उत्तम वर्मा को जब सरकारी नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने खेती-बाड़ी पर पूरा ध्यान केंद्रित कर दिया. उत्तम वर्मा तरबूज, खरबूजा और स्ट्रॉबेरी की भी खेती करते हैं. 


हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में की जाने वाली सेब की खेती अब बाराबंकी में भी शुरू हो गई है. रामनगर क्षेत्र के कबीरपुर गांव के प्रगतिशील किसान उत्तम वर्मा ने हरमन-99 वैरायटी के सेब की तीन बीघे की बाग लगाई है. अगले साल से इसमें फल भी आने लगेंगे. दरअसल सेब की एकमात्र प्रजाति हरमन-99 ही 40 से 45 डिग्री तापमान में भी अच्छी उपज देती है.


बागवानी करने वाले किसानों के लिए प्रगतिशील किसान उत्तम वर्मा की पहल से बड़ी उम्मीद जगी है. ऐसे में किसान उत्तम वर्मा की सेब की बाग देखने के लिए दूर-दूर से किसान यहां आने लगे हैं. दरअसल लोगों में उम्मीद जगी है कि अब बाराबंकी समेत प्रदेश के अन्य जिलों की जलवायु में भी सेब की खेती आसानी से की जा सकती है. 


जानकारों के मुताबिक सेब शीतोष्ण जलवायु वाला फल होता है. इसके पौधे ठंडे क्षेत्रों में ही लगाए जाते हैं, जहां की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 4800 से 9000 फीट हो. मार्च और अप्रैल में सेब के पौधों पर फूल लगने शुरू हो जाते हैं. उस समय ज्यादा तापमान का फसल पर बुरा प्रभाव पड़ता है. साथ ही सेब की खेती के लिए औसतन 100 से 150 सेंटीमीटर वार्षिक बारिश की जरूरत होती है, लेकिन सेब की हरमन-99 वैरायटी 40 से 45 डिग्री तापमान में भी पैदा हो सकती है. ऊंचे तापमान के लिये सेब की यह खास वैरायटी तैयार की गई है. 


प्रगतिशील किसान उत्तम वर्मा ने बताया कि हरमन-99 वैरायटी की दजानकारी मिलने के बाद पिछले साल जनवरी में सेब की खेती करने की ठानी. उन्होंने हिमाचल प्रदेश से हरमन-99 वैरायटी के करीब 300 पौधे बुक कराए और मार्च 2021 में तीन बीघा रकबे में सेब की खेती शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने लोगों से सेब की खेती करने के बारे में कहा तो पहले तो लोगों ने उनका मजाक उड़ाया. मगर अब जब सेब के पौधे सामान ढंग से बड़े हो रहे हैं, तो लोग उनसे जुड़ने लगे हैं, अगले साल मार्च के बाद उनकी सेब की बाग में फल आने के बाद वह इसकी खेती को और विस्तार देंगे. 


उत्तम वर्मा के मुताबिक 2 साल बाद सेब के पौधों में फल आते हैं. जिसमें से उनका 1 साल का समय बीत चुका है. उत्तम वर्मा ने बताया कि उनकी सेब की बाद देखने के लिए पड़ोसी जिले के लोग भी आ रहे हैं. सभी यह जानना चाहते हैं कि आखिर बाराबंकी में सेब की खेती किस प्रकार से की जा सकती है. वहीं आसपास के किसानों का कहना है कि जिले में पहली बार सेब की खेती की गई है, जिससे हम लोग बहुत उत्साहित हैं.