Prayagraj: माफिया अतीक अहमद के गुर्गे की अर्जी पर सपा विधायक पूजा ने दाखिल किया जवाब, कही ये बात
Prayagraj: विवेचना में साक्ष्यों के अभाव में पुलिस ने पूजा पाल का नाम चार्जशीट से निकाल दिया....पूजा पाल का नाम चार्जशीट से निकाले जाने के बाद सुधांशु त्रिपाठी उर्फ बली पंडित ने याचिका दाखिल की...
मो.गुफरान/प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद के गुर्गे की अर्जी पर समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल ने जवाब दाखिल किया है. पूजा पाल ने अतीक के इशारे पर झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया है. पूजा का कहना है कि झूठे मुकदमे में फंसाकर राजू पाल हत्याकांड में समझौते के लिए दबाव बनाने की साजिश रची गई है.
पूजा पाल को बनाया था आरोपी
अर्जी में साल 2009 में बली पंडित ने खुद के ऊपर हुए हमले में पूजा पाल को आरोपी बनाए जाने मांग की है. विवेचना में साक्ष्यों के अभाव में पुलिस ने पूजा पाल का नाम चार्जशीट से निकाल दिया. पूजा पाल का नाम चार्जशीट से निकाले जाने के बाद सुधांशु त्रिपाठी उर्फ बली पंडित ने याचिका दाखिल की है. बता दें कि अर्जी पर पिछले दिनों सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूजा पाल को नोटिस जारी किया था.
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जानें कौन हैं पूजा पाल
चायल से सपा विधायक पूजा पाल, बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता पंचर की दुकान चलाया करते थे। खुद पूजा कभी किसी अस्पताल में तो कभी किसी दफ्तर, कभी किसी के घर में झाड़ू-पोंछा करके अपना गुजारा करती थीं. अस्पताल में ही उनकी मुलाकात राजू पाल से हुई और दोनों के बीच प्यार हुआ. विधायक बनने के बाद राजू पाल ने पूजा से शादी कर ली. शादी के महज 10 दिन बाद 25 जनवरी 2005 को पूजा पाल के पति की हत्या कर दी गई.
राजू पाल के हत्याकांड की कहानी
यूपी में राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में कई लोगों की जान गई थी, इनमें से एक नाम इलाहाबाद शहर पश्चिमी से बीएसपी विधायक राजू पाल का नाम भी शामिल है. प्रयागराज में दिनदहाड़े हत्याकांड ने राज्य की सियासत में हड़कंप मचा दिया था. ऐसा माना जाता है कि इसी हत्याकांड ने बाद बाहुबली अतीक अहमद के सियासी सफर पर ब्रेक लगा दिया था.
इस हत्याकांड के पीछे की कहानी ये थी कि जब अतीक सांसद बना तो शहर पश्चिम की सीट खाली हो गई थी. उपचुनाव हुआ तो अतीक के भाई अशरफ को राजू पाल ने चुनाव हरा दिया. बस यहीं से रार शुरू हो गई. राजू पाल समेत तीन लोग मारे गए थे. अतीक और अशरफ को अन्य शूटरों समेत हत्याकांड का आरोपित बनाया गया. बता दें कि, हत्या से दस दिन पहले ही राजू पाल की शादी पूजा पाल से हुई थी. पति की हत्या के कुछ महीने बाद हुए उपचुनाव में बसपा ने उन्हें अशरफ के सामने चुनाव मैदान में उतारा जिसमें उन्हें हार मिली. लेकिन इसके बाद 2007 में हुए चुनाव में पूजा पाल ने बसपा के टिकट पर बड़ी जीत हासिल की. 2012 में विधायक भी बनीं थी. पूजा इस बार भी 2022 में कौशांबी की चायल सीट से सपा की प्रत्याशी हैं. राजू पाल की हत्या के बाद उनकी राजनीतिक विरासत पत्नी पूजा पाल ने संभाली.