मो. गुफरान/प्रयागराज: प्रयागराज में हुई हिंसा मामले में चौंकाने वाली बात सामने आई है. जांच में सामने आया है कि अटाला मस्जिद से नमाजियों के निकलने के बाद ही बवाल और उपद्रव शुरू हुआ था. मस्जिद के इमाम अली अहमद पर आरोप लगे हैं कि हिंसा के लिए उन्होंने ही नमाजियों को उकसाया और भड़काया था. अटाला मस्जिद के इमाम अली अहमद को फिलहाल गिरफ्तार कर लिया गया है. 


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पुलिस को पहले ही संदिग्ध लग रही थी इमाम की भूमिका
पुलिस को पता चला है कि इमाम अली अहमद ने नमाज के बाद खुतबा दिया, जिसके बाद ही उपद्रवी मस्जिदों से निकलकर पत्थरबाजी की वारदात में शामिल हो गए. बताया जाता है कि भीड़ जब मस्जिद से नमाज पढ़कर निकली तो वह सीधे पत्थरबाजी और हिंसा की शक्ल में पुलिस और प्रशासन से दो-दो हाथ करने को तैयार थी. ऐसे में इस पूरे घटनाक्रम में शुरुआत से ही पुलिस को मस्जिद के इमाम अली अहमद की भूमिका बेहद संदिग्ध लग रही थी. 


गिरफ्तारी के बाद से मस्जिद में लगा ताला
जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तारी के बाद इमाम से जांच एजेंसियां लगातार पूछताछ कर रही हैं. जिस अटाला मस्जिद का अली अहमद इमाम था, वहां उसकी गिरफ्तारी के बाद ताला लगा हुआ है. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मस्जिद के आसपास के लोग कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.


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फजल खान की भी तलाश तेज
वहीं, यह भी बता दें कि देशद्रोह के आरोपी समाजवादी पार्टी के नेता फजल खान की तलाश भी तेज हो गई है. क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की टीमें सपा नेता फजल खान की तलाश में जुटी हैं. दरअसल, अटाला में बीते शुक्रवार की नमाज के बाद हुई हिंसा में सपा नेता फजल का नाम सामने आया है. ऐसे में उसके खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस तलाश में जुट गई है. बता दें, पिछले साल भी देशद्रोह के आरोप में फजल खान की गिरफ्तारी हुई थी. वह प्रयागराज के करेलाबाग वार्ड से समाजवादी पार्टी का पार्षद है.


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