पुष्कर चौधरी/चमोली: उत्तराखंड में पुरानी पेंशन बहाली की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. कर्मचारी इसके लिए सड़कों पर उतर रहे हैं. रविवार को राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चे ने कर्णप्रयाग नगर में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाली की मांग को लेकर हुंकार रैली निकाली. इस दौरान रैली में हजारों शिक्षकों के साथ राष्ट्रीय व प्रांतीय पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया. संयुक्त मोर्चे का कहना है कि केंद्र व राज्य सरकार की ओर से उनकी मांग पर यदि कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को देशभर में चलाया जाएगा.


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रैली को संबोधित करते हुए मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा आने वाला समय केंद्र सरकार के लिए निर्णायक समय है. कई राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली हो चुकी है. उत्तराखंड में कार्मिक लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलनरत हैं. धामी सरकार को चाहिए कि कर्मचारियों के हित में शीघ्र पुरानी पेंशन बहाल करे.


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मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश प्रसाद बहुगुणा ने कहा कि जब सरकारी कर्मचारियों के लिए बुढ़ापे में सिर्फ पेंशन ही सहारा होती है, इसलिए यह अधिकार उनसे नहीं छिना जाना चाहिए. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि नई पेंशन स्कीम शिक्षक और कर्मचारियों के हित में नहीं है. इसके कई दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं. पेंशन हुंकार रैली के माध्यम से हम राज्य सरकार से जल्द ही पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते है. बहरहाल, यह मुद्दा आने वाले समय में राजनीतिक दलों के लिए सियासी खुराक का काम करेगा. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर राजनीति होना तय है. हालही में संपन्न हुए हिमाचल प्रदेश चुनाव में भी पुरानी पेंशन बहाली योजना चुनावी मुद्दा बनी थी.


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