सैयद हुसैन अख्तर/रायबरेली: जनपद के ऐतिहासिक डलमऊ मेले की गंगा पूजन और गंगा आरती के साथ ही औपचारिक शुरुआत हो गई है. इस बार इसे डलमऊ महोत्सव का नाम दिया गया है. यहां का यह ऐतिहासिक डलमऊ मेला इस बार इतना भव्य है कि कुम्भ मेले की याद दिला रहा है. दस किलोमीटर के परिक्षेत्र और तीन किलोमीटर घाटों वाले इस मेले में कार्तिक पूर्णिमा पर दस से पंद्रह लाख लोग पुण्य की डुबकी लगाएंगे. दस दिन तक चलने वाले इस मेले में संस्कृति विभाग की तरफ से विभिन्न कार्यक्रमों के अलावा खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की तरफ से आकर्षक पंडाल लगाया गया है. 


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प्रांतीय मेले का दर्जा
दरअसल प्रदेश भर में धार्मिक मेलों को प्रांतीय मेले का दर्जा देकर उन्हें भव्य स्वरूप देना सीएम योगी की परिकल्पना है. इसी के तहत 2019 में डलमऊ मेले को प्रांतीय मेले का दर्जा मिला था. कोरोना के बाद 2021 में पहली बार लगे डलमऊ महोत्सव में जो कमी रह गई थी जिला प्रशासन ने इस बार उसे पूरा करने की कोशिश की है. यही कारण है कि यहां मध्य रात्रि से शुरू होने वाले कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा है. बैलगाड़ी जैसे पारंपरिक साधनों के अलावा निजी वाहन और मिनी बसों के साथ ही सरकारी बसों से भी श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. लोगों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.  


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ड्रोन कैमरे से निगरानी


गंगा नदी में घाटों पर जहां जल पुलिस लगाई गई है, वहीं किसी भी हादसे से निपटने के लिए एसडीआरएफ भी तैनात है. पूरे मेला क्षेत्र की ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है.चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान वर्दी और सादी वर्दी में तैनात हैं. पूरे मेला क्षेत्र में कहीं व्यवधान उत्पन्न न हो इसके लिए 11 पार्किंग बनाई गई हैं, जहां वाहनों को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है. सोमवार मेले की औपचारिक शुरुआत को भव्य बनाने के लिए वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पहले गंगा पूजन हुआ और उसके बाद भव्य गंगा आरती हुई. गंगा आरती और गंगा पूजन में डीएम माला श्रीवास्तव,एसपी आलोक प्रियदर्शी और एडीएम अमित कुमार व अन्य अधिकारियों के साथ ही राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश सिंह व अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. डीएम माला श्रीवास्तव ने आम लोगों से अपील की है कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग यहां आएं और इसके स्वरूप को और भव्य बनाएं.