Pratapgarh News : यूपी के प्रतापगढ़ कारागार में बंद उमेश सिंह की मंगलवार को संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत हो गई. उमेश सिंह हाई प्रोफाइल राजेश सिंह मर्डर केस में 7 वषों से सजा काट रहा था. राजेश सिंह हत्‍याकांड में उसे साल 2016 में जेल हुई थी. एक साल पहले ही उसे प्रयागराज के नैनी जेल से प्रतापगढ़ कारागार लाया गया था. उमेश के परिजनों ने जेल प्रशासन पर साजिश के तहत हत्‍या करने का आरोप लगाया है. 


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जेल प्रशासन हार्ट अटैक से मौत होना बता रहा 
जेल प्रशासन का कहना है कि उमेश सिंह को जिला अस्‍पताल ले जाया गया था, जहां चिकित्‍सकों ने मृत घोषित कर दिया. प्रथम दृष्‍टया हार्ट अटैक से मौत होना प्रतीत हो रहा है. वहीं, उमेश सिंह के परिजनों का कहना है कि जेल प्रशासन की मिलीभगत से उमेश की हत्‍या कराई गई है.  


2017 विधानसभा चुनाव से पहले हुई थी राजेश सिंह की हत्‍या 
बता दें कि 2017 विधानसभा चुनाव के पहले ही प्रतापगढ़ जिले में राजा भैया के करीबी और प्रधानपति राजेश की बम से हमला कर हत्‍या कर दी गई थी. इस घटना में मृतक के गनर और ड्राइवर गंभीर रूप घायल हो गए थे. राजेश की हत्‍या के बाद जिले में तनाव पूर्ण माहौल हो गया था. 


ताबड़तोड़ बम फेंके गए थे 
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, बाघराय थानाक्षेत्र के कमसिन तिराहे के पास हिस्‍ट्रीशीटर प्रधानपति राजेश सिंह की इनोवा कार पर अज्ञात बदमाशों ने ताबड़तोड़ बम से हमला कर दिया था. हमला इतना जोरदार था कि इनोवा के परचख्खे उड़ गए थे. वहीं, प्रधानपति की मौके पर ही मौत हो गई थी. 


राजेश सिंह का पोस्‍टमार्टम कराने को लेकर भी दी थी धमकी 
प्रधानपति राजेश सिंह तत्‍कालीन कैबिनेट मंत्री राजा भैया का बहुत करीबी बताया जाता था. जिले के विभिन्न थानों में लूट, हत्या और अपहरण जैसे 36 मुकदमे दर्ज थे. इतना ही नहीं हमलावरों ने चेतावनी दी थी कि जो भी  राजेश सिंह का पोस्‍टमॉर्टम करवाने जाएगा, उसे भी जिंदा नहीं छोड़ेंगे. राजेश सिंह हत्‍याकांड ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. 


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