मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: यूपी की सियासत में पिछले 30 सालों से अधिक समय से वनवास पर चल रही कांग्रेस पार्टी ने प्रतापगढ़ जिले से दो नेताओं को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है. दिग्गज कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी को जहां राजस्थान से राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया है तो वहीं शायर से नेता बने इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से प्रत्याशी बनाया गया है.


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 प्रमोद तिवारी की गिनती यूपी के सबसे बड़े ब्राह्मण चेहरों में होती है तो वहीं पिछले कुछ सालों के भीतर अपनी शायरी से मुस्लिम युवाओं के बीच इमरान प्रतापगढ़ी भी खासी लोकप्रियता बटोर चुके हैं. एक जिले से दो-दो नेताओं को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट करके कांग्रेस पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी मजबूत दावेदारी को लेकर संकेत भी दे दिए हैं. ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जहां प्रमोद तिवारी को आगे किया गया है तो वहीं मुस्लिम चेहरे के तौर पर युवाओं में लोकप्रिय इमरान प्रतापगढ़ी के सहारे मुस्लिम मतों पर कांग्रेस पार्टी की नजर है.


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ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पेश होंगे प्रमोद तिवारी
प्रमोद तिवारी की गिनती यूपी की सियासत में सबसे कद्दावर नेताओं में होती है. उन्हें यूपी में कांग्रेस के ब्राह्मण चेहरे के तौर पर भी देखा जा सकता है. प्रमोद तिवारी प्रतापगढ़ के रामपुर विधानसभा से लगातार 9 बार विधान विधायक रह चुके हैं.  2012 में प्रमोद तिवारी की इच्छा जब केंद्र की राजनीति करने की प्रबल हुई तो उन्हें उस समय समाजवादी पार्टी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने राज्यसभा का सफर तय किया.  जिसके बाद से उनकी बेटी आराधना मिश्रा मोना रामपुर विधानसभा से लगातार तीन बार जीत दर्ज कर चुकी हैं.  2018 में राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद से प्रमोद तिवारी राजनीतिक वनवास पर चले गए थे.  ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने दुबारा से उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनाकर यूपी की सियासत में सक्रिय कर दिया है.


मुस्लिम मतों पर कांग्रेस पार्टी की नजर
माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रमोद तिवारी को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पेश करेगी तो वहीं मुस्लिम युवाओं के बीच लोकप्रिय इमरान प्रतापगढ़ी को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किए जाने के बाद इस बात के संकेत भी मिले हैं कि मुस्लिम मतों पर कांग्रेस पार्टी की नजर है.  हालांकि शायर से नेता बने इमरान प्रतापगढ़ी कांग्रेस पार्टी के लिए कितना मुफीद होंगे यह तो समय बताएगा.  लेकिन 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में इमरान प्रतापगढ़ी बुरी तरीके से फेल साबित हुए हैं.  इमरान प्रतापगढ़ी 2019 के लोकसभा चुनाव में पचास फीसदी मुस्लिम आबादी वाले मुरादाबाद लोकसभा से चुनाव लड़े और अपनी जमानत तक नहीं बचा सके थे.  2022 के लोकसभा चुनाव में भी इमरान प्रतापगढ़ी पार्टी के लिए कुछ नहीं कर सके. कांग्रेस ने जिन 2 सीटों पर जीत दर्ज की, वहां पर दोनों उम्मीदवारों के बदौलत ही उन्हें जीत मिली है.


प्रतापगढ़ की सियासत में एक बार फिर से तीन चेहरे
मुस्लिम युवाओं के बीच लोकप्रिय इमरान प्रतापगढ़ी के सहारे यूपी में कांग्रेस पार्टी मुस्लिम मतों पर नजर गड़ाए हुए है. हालांकि इमरान प्रतापगढ़ी के राज्यसभा के चयन को लेकर दिग्गज कांग्रेसी ही नहीं बल्कि राजनैतिक विश्लेषक भी हैरान हैं.  वजह भी साफ है कि इमरान प्रतापगढ़ी की शायरी को पसंद करने वाले जरूरी नहीं है कि वे कांग्रेस को पसंद करें. राजनैतिक विश्लेषक कहते हैं कि जब इमरान प्रतापगढ़ी पचास फीसदी मुस्लिम आबादी वाले मुरादाबाद लोकसभा से 2019 में अपनी जमानत तक नहीं बचा सके तो वह वनवास पर चल रही कांग्रेस पार्टी से मुस्लिमों को कैसे जोड़ पाएंगे.


फिलहाल इन सब के बीच यूपी की सियासत में एक बार फिर से प्रतापगढ़ का जलवा देखने को मिल सकता है क्योंकि कांग्रेस के जमाने में विदेश मंत्री रहे राजा दिनेश सिंह के चलते पूरे देश में प्रतापगढ़ की अपनी एक अलग पहचान रहती थी. लेकिन पिछले कुछ समय से हाशिए पर चल रहे प्रतापगढ़ की सियासत में एक बार फिर से तीन चेहरे ऐसे होंगे जो देश की सर्वोच्च सदन का हिस्सा बनेंगे, जिसमें एक सांसद भारतीय जनता पार्टी के होंगे जबकि राज्यसभा के 2 सदस्य कांग्रेस पार्टी के हो सकते हैं.


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