लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आलू का समर्थन मूल्य 650 रुपए प्रति क्विंटल घोषित करने के बाद आलू पर सियासत छिड़ गई है. जहां आलू मूल्य को लेकर सपा ने योगी सरकार को घेरने का काम किया है. वहीं आलू के समर्थन मूल्य के ऊपर किसान नेता राकेश टिकैत ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की ''ये रेट कम हैं. आलू का किसान पूरा बर्बादी के कगार पर है. व्यापारी सस्ते में आलू खरीद रहा है और उसको कोल्ड स्टोर में भर रहा है. किसान आत्महत्या की कगार पर चला जाएगा.''


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अखिलेश ने भी घेरा था
इससे पहले सपा ने आलू किसानों के समर्थन में उतरते हुए योगी सरकार को घेरा था. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आलू बदलेगा सरकार, उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आलू उत्पादकों की समस्याओं को हल नहीं कर रही है. वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार के इस कदम पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा की '' उत्तर प्रदेश में आलू का समर्थन मूल्य 650 रुपया प्रति क्विंटल घोषित किया गया है. उससे अधिक किसानों की लागत आ रही है. किसानों की लागत 950 रुपया प्रति क्विंटल आ रही है. 9.50 पैसे प्रति किलो आलू की लागत आ रही है और सरकार ने 650 रूपये घोषित किया.'' उन्होंने कहा कि ''हमने प्रधानमंत्री जी को चिट्ठी लिखी, कुछ उन्होंने सज्ञान में लिया है ये 650 रूपये किया है. लेकिन ये कम है ये बढ़ना चाहिए. आलू के किसानों को कैसे बचाया जाएगा ये सरकारों की जिम्मेदारी है. ''  


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दरअसल इस साल 6.94 लाख हेक्टेयर जमीन पर आलू की बुआई हुई है.ऐसे में इस  बार 242 लाख मीट्रिक टन से अधिक पैदावार की उम्मीद है. लेकिन आलू की बंपर पैदावार की वजह से उन्हें दाम मिलने की जगह लागत निकालनी मुश्किल पड़ रही है. पहले फेज में हाफेड राज्य के 7 जनपदों में क्रय विक्रय केंद्र स्थापित करेगा.


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