अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में जन्मभूमि परिसर में रामलला के मंदिर निर्माण कार्य में अब और तेजी आ गई है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दोपहर 2:30 बजे शुभ मुहूर्त पर वैदिक रीति रिवाज से पूजन कर निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी है. अब प्लिंथ के निर्माण कार्य की शुरुआत हो गई है. प्लिंथ का निर्माण कर्नाटक के ग्रेनाइट पत्थर से किया जा रहा है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र का कहना है कि राम मंदिर के 20 फीट ऊंचे प्लिंथ में 17000 ग्रेनाइट पत्थरों का प्रयोग किया जाएगा. अब तक 4000 पत्थर प्लिंथ निर्माण के लिए कर्नाटक से पहुंच चुके हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यूपी-उत्तराखंड हलचल: मतदाता दिवस के बीच इन राजनीतिक खबरों पर रहेगी पूरे दिन नजर, जिसका होगा आप पर असर, फटाफट पढ़ें


सीढ़ी चढ़कर श्रद्धालु रामलला का दर्शन करेंगे
प्लिंथ निर्माण कार्य में 5x3x2 के क्यूब पत्थरों का प्रयोग किया जा रहा है. 20 फीट ऊंचे प्लिंथ में धरती के नीचे 4 फीट ग्रेनाइट पत्थरों को बिछाया जाएगा. बाकी प्लिंथ की ऊंचाई 16 फिट होगी, जिसमें सीढ़ी चढ़कर श्रद्धालु रामलला का दर्शन करने जाएंगे. प्लिंथ का निर्माण मई 2022 में पूरा हो जाएगा. प्लिंथ के ऊपर राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पिंक सैंड स्टोन से रामलला के मंदिर का निर्माण किया जाएगा. 


दिसंबर 2023 में रामभक्त कर सकते हैं रामलला के दर्शन
वहीं, प्लिंथ के चारों ओर मिर्जापुर के लाल बलुई पत्थरों से परिक्रमा पथ का निर्माण कराया जाएगा. राम मंदिर निर्माण में राफ्ट के ऊपर प्लिंथ निर्माण के पूजन में राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र और महंत दिनेन्द्र दास शामिल हुए. प्लिंथ निर्माण कार्य रात दिन 24 घंटे चलेगा, जिसमें बड़ी-बड़ी मशीनों के माध्यम से पत्थरों को रखने का कार्य होगा. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दिसंबर 2023 में राम मंदिर निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है, जिससे दिसंबर 2023 में राम भक्त रामलला के दर्शन उनके मूल गर्भ गृह में कर सकें.


WATCH LIVE TV