Ram Mandir Construction : राम मंदिर का पूरा प्लान आया, रामलला के साथ वाल्मीकि, शबरी-निषादराज का अनोखा मिलन भी होगा
Ram Mandir Construction : राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने जी मीडिया से बातचीत में बताया कि अयोध्या में भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूतल निर्माण इसी साल दिसंबर महीने में पूरा कर लिया जाएगा. अगले साल की राम नवमी में प्रभु रामलला भव्य राम मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान मिलेंगे.
Ayodhya Ram Mandir Construction : अयोध्या में भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण अगले साल जनवरी माह में पूरा हो जाएगा. इतना ही नहीं 14 से 15 जनवरी को रामलला को गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा. वहीं, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले देशभर में 100 करोड़ हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा. यह दावा राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने किया है.
देशभर में हनुमान चालीसा का पाठ होगा
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने जी मीडिया से बातचीत में बताया कि भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूतल निर्माण इसी साल दिसंबर महीने में पूरा कर लिया जाएगा. वहीं, अगले साल 14-15 जनवरी को रामलला को गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पूरे देश में 100 करोड़ हनुमान चालीस का पाठ किया जाएगा.
बाल्यकाल की मूर्ति होगी विराजमान
अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की बाल्यकाल की मूर्ति विराजमान होगी. 7 अप्रैल को रामलला की मूर्ति का आर्ट वर्क तैयार हो जाएगा. रामलला की 4-5 साल के उम्र वाली मूर्ति बनाई जाएगी. 8 अप्रैल को मूर्तिकार तय करेंगे कि किस पत्थर की मूर्ति बनाई जाए.
मई में मंदिर की छत हो जाएगी तैयार
नृपेन्द्र मिश्र ने बताया कि रामलला की मूर्ति अयोध्या में ही बनाई जाएगी. धार्मिक उच्चारण के साथ ही रामलला की मूर्ति बनाई जाएगी. मूर्ति बनने में 6 महीने का वक्त लगेगा. वहीं, गर्भगृह की दीवारें 31 मार्च तक पूरी हो जाएंगी. अप्रैल के बाद 7 मई तक राम मंदिर की छत बना दी जाएगी.
अगले रामनवमी से पहले मूल गर्भ में विराजमान होंगे रामलला
नृपेन्द्र मिश्र ने बताया कि नेपाल से आईं देवशिला को श्रीराम जन्म भूमि परिसर में रखा जाएगा. अगले रामनवमी से पहले रामलला अपने मूल गर्भ में विराजमान होंगे. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने सुझाव दिया है कि राम मंदिर के साथ-साथ परिसर में महर्षि वाल्मीकि, शबरी, निषादराज के मंदिर भी बनाए जाएं, ताकि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की मर्यादा को जन'जन तक पहुंचाया जा सके.
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