रामपुर: रामपुर रियासत (Rampur state) के अंतिम शासक नवाब रजा अली खां की करीब 26 सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति (property) के बंटवारे पर रामपुर कोर्ट (Rampur court) ने फैसला सुना दिया है. बता दें नवाब परिवार में 5 संपत्तियों को बांटे जाने के लिए रामपुर कोर्ट से फैसला आया है. कोर्ट ने पार्टीशन स्कीम (Partition scheme) बनाकर सुप्रीम कोर्ट  (Supreme Court) भेज दी है. अब ये संपत्ति 16 सदस्यों में बांटी जाएगी जबकि एक कस्टोडियन (custodian) को भी हिस्सेदार बनाया गया है. बता दें ये संपत्ति कुल 18 पक्षकारों के मध्य बंटनी थी. बंटवारे की प्रक्रिया के दौरान दो पक्षकारों की मौत हो गई, लेकिन, संपत्ति में उनके भी अंश निर्धारित किए गए हैं. उल्लेखनीय है रामपुर को आजम खान के (Azam Khan) लिए भी जाना जाता है.


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सुप्रीम कोर्ट से लगेगी बंटवारे पर अंतिम मोहर 
अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि अब शरीयत के हिसाब से नवाब परिवार की संपत्ति का बंटवारा किया जाएगा. इस संपत्ति की कीमत करीब 2600 करोड़ की है. नवाब काज़िम अली खान उर्फ नावेद मिया ने बताया कि सुप्रीमकोर्ट में फैसला पहले ही सुना दिया था कि शरीयत के हिसाब से बंटवारा होगा.  बता दें कि ये नवाब रज़ा अली खान की निजी संपत्ति का बंटवारा है. पार्टीशन स्कीम कोर्ट ने सुप्रीमकोर्ट भेज दी है. अब सुप्रीमकोर्ट तय करेगा.


31 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के बाद जिला न्यायालय ने मुस्लिम पर्सनल लॉ के आधार पर विभाजन स्कीम को अंतिम रूप दे दिया है. यह आदेश 34 पन्नों में लिखा गया है. पार्टीशन स्कीम पर अब सुप्रीम कोर्ट को फैसला सुनाना है. इसके बाद खासबाग पैलेस, कोठी बेनजीर, नवाब रेलवे स्टेशन, सरकारी कुंडा और कोठी शाहबाद की चल-अचल संपत्ति पर जल्दी ही वरिसान को उनका कब्जा मिलेगा.


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बेहद खास है खासबाग पैलेस
साल 1774 से 1949 तक रामपुर में नवाबों का राज हुआ करता था. रामपुर रियासत के अंतिम शासकों की यह कोठी खासबाग सन् 1930 में बनकर तैयार हुई.  खासबाग रियासत की संपत्ति में सबसे महत्वपूर्ण और कीमती है. ऐसा दावा किया जाता है कि खासबाग देश की पहली वातानुकूलित कोठी है.  यूरोपीय-इस्लामी शैली में निर्मित यह कोठी बेहद ही शानदार है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें करीब 200 कमरें व कई बडे़ हॉल हैं. इनमें नवाब का ऑफिस, सिनेमाहॉल, संगीत हॉल, स्वीमिंग पूल भी है. कोठी के चारों ओर बाग है, जिसमें 1 लाख से ज्यादा पेड़ लगाए गए थे. कोठी में बेशकीमती पेंटिंग हैं.


संपत्ति बंटवारे का समय चक्र
1. नवाब की संपत्ति के बंटवारे के मुकदमे की शुरुआत साल 1972 में हुई थी.
2. 1996 में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया, जिसमें राजशाही परंपरा को सही माना गया.
3. हाईकोर्ट के फैसले के बाद परिवार के सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की.
4. सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई 2019 को रामपुर जिला जज कोर्ट को शरीयत के अनुसार संपत्ति बंटवारे के आदेश दिए.
5. सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर 2020 की तारीख तय की थी. कोरोना की वजह से समय आगे बढ़ा.
6. मूल्यांकन में संपत्ति की कीमत करीब 26 सौ करोड़ आंकी गई.


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