Rinku Singh : इनाम में मिली बाइक ने बदली रिंकू की किस्मत, झाड़ू-पोंछा से लेकर सिलेंडर उठाने वाला लड़का यूं बना स्टार
उत्तर प्रदेश Aligarh के रहने वाले रिंकू सिंह ने अपनी शानदार पारी से सबका दिल जीत लिया है.आईपीएल मे केकेआर के लिए खेल रहे रिंकू सिंग का जीवन शुरू से ही संघर्ष में बीता है. रिंकू के पिता घर-घर सिलेंडर पहुंचा कर परिवार का पेट पालते थे.
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश Aligarh के रहने वाले रिंकू सिंह ने अपनी शानदार पारी से सबका दिल जीत लिया है.आईपीएल मे केकेआर के लिए खेल रहे रिंकू सिंग का जीवन शुरू से ही संघर्ष में बीता है. रिंकू के पिता घर-घर सिलेंडर पहुंचा कर परिवार का पेट पालते थे. रिंकू भी पिता का काम में हाथ बताने के लिए घर-घर सिलेंडर ढो कर ले जाते थे. रिंकू के क्रिकेट खेलने से दौरान कड़ी मेहनत और काफी संघर्ष किया है.
आईपीएल में 5 बोलों में 5 छक्के मार कर देश में नाम कमाने वाले रिंकू की फैमिली में मदर ने एक मकान बनवाया है जिसकी कीमत लगभग 80 लाख रुपया बताई जा रही है, इसके अलावा रिंकू ने 5 वर्ष के कार्यकाल में एक कार बलेनो अपने पिता को गिफ्ट की है, इसके अलावा रिंकू ने अपनी कमाई के हिस्से में से कृषि भूमि 3 बीघा खरीदी है
आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे रिंकू
आईपीएल में शानदार पारी खेलने वाले रिंकू के पिता ने जी-मीडिया से बात करते हुए बताया कि शुरू में उसको हमने क्रिकेट खेलने से काफी मना किया. लेकिन, रिंकू नहीं माना.उन्होंने बताया कि वह गैस हॉकर का काम करते थे तो रिंकू भी उनका हाथ बटाने के लिए घर-घर गैस सिलेंडर लगाने जाया करते थे. रिंकू के घर की शुरू से ही माली हालत थी. रिंकू के 5 भाई ब 1 बहन है. रिंकू तीसरे नंबर पर हैं.
ऐसे बने रिंकू स्टार खिलाड़ी
अलीगढ़ में छोटे-छोटे ग्राउंड में क्रिकेट खेलने वाले रिंकू धीरे-धीरे बड़े टूर्नामेंटों में खेलने लगे. उसके बाद वह यूपी टीम में चयनित हुए। रिंकू IPL करियर के बीते 5 सालों के दौरान चोट की मार से लेकर BCCI के नियम उल्लंघन को लेकर सस्पेंशन तक झेल चुके हैं. लेकिन, वो खिलाड़ी ही क्या जो ठोकरों को ठोकर ना मार दे. पिता बिल्कुल नहीं चाहते थे कि वह खेल में समय बर्बाद करे लेकिन रिंकू नहीं मानता था तो पिटाई भी हो जाती थी. रिंकू का क्रिकेट खेलना परिवार को पसंद नहीं था हालांकि उसके पिता खुद क्रिकेट के बहुत शौकीन थे और एक क्रिकेटर थे। मगर 2012 के एक स्कूल टूर्नामेंट में जब रिंकू ने बाइक जीती तो घरवालों का मन बदलने लगा.
परिवार के सिर पर था कर्ज
शुरुआत में रिंकू ने जो पैसा क्रिकेट से कमाया, वह कर्ज चुकाने में चला गया. लेकिन रिंकू की मेहनत अभी और रंग लाने वाली थी. अलीगढ़ से निकल आईपीएल पहुँचने वाला रिंकू पहला खिलाड़ी बने. इतने पैसे मिले थे कि घर परिवार में कभी किसी ने देखे नहीं थे. घर की सारी दिक़्क़तें दूर हो गई और परिवार के सिर जो भी कर्ज था वो सब चुका दिया. 2017 में केकेआर ने रिंकू को आईपीएल ने खरीदा, जिसके बाद रिंकू सिंह की किस्मत चमक गई.
80 लाख में रिंकू को KKR ने खरीदा
शाहरुख़ ख़ान की कोलकाता नाइटराइडर्स ने 2018 में उन्हें आईपीएल के लिए 80 लाख रुपए में अनुबंधित किया, वो भी तब जब रिंकू सिंह को कोई नहीं जानता था. लांकि उत्तर प्रदेश की ओर से घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन निखरने लगा था। रिंकू की कामयाबी से खुश है.
पिता के काम में बटाते थे हाथ
रिंकू के पिता खान चंद ने बताया कि यह तीसरे नंबर का बेटा है. स्टार्टिंग में तो यह क्रिकेट ही खेलता था. मैं उससे मना करता था कि क्रिकेट मैच खेल कर क्या करेगा. पढ़ लिख ले, अगर कुछ बनना है. इस पर उसका ध्यान पढ़ने लिखने में नहीं था, जब मैंने इसे इधर उधर देखा स्टेडियम में देखा अच्छे रन बनाए तो सब लोगों ने कहा कि तुम्हारा लड़का अच्छा खेलता है तब मैंने इससे मना किया कि काम करने की जरूरत नहीं है तू क्रिकेट खेल. रिंकू के पिता ने बताया कि उन्होंने काभी नहीं सोचा था कि मेरे साथ भी उसने काम किया है जब भी जरूरत पड़ती थी तो मेरे साथ सिलेंडर लगवाने भी गया था.
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