Road accidents in UP : यूपी में आगरा-मेरठ समेत इन 7 बड़े शहरों सबसे ज्यादा सड़क हादसे, रोड एक्सीडेंट पर नई रिपोर्ट से खुलासा
Road accidents in UP : सड़क सुरक्षा पर सर्वोच्च न्यायालय की समिति (एससीसीओआरएस) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एएम सप्रे की अध्यक्षता में पिछले सप्ताह लखनऊ में हुई बैठक में किया गया खुलासा.
Road Accident in UP : यूपी ओवरस्पीडिंग यानी तेज गति से होने वाली मौतों में सबसे आगे है. वहीं, शराब पीकर वाहन चलाने से होने वाली मौतों में यूपी का प्रयागराज जिला सबसे आगे है. गलत दिशा में वाहन चलाने से होने वाली मौतों में कानपुर और प्रयागराज का सबसे ज्यादा योगदान है. यह खुलासे परिवहन विभाग की ओर जारी एक रिपोर्ट में हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट की टीम ने यूपी का किया दौरा
दरअसल, सड़क सुरक्षा पर सर्वोच्च न्यायालय की समिति (एससीसीओआरएस) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एएम सप्रे की अध्यक्षता में पिछले सप्ताह लखनऊ में हुई एक बैठक में लोक निर्माण विभाग (PWD), एनएचएआई (NHAI), पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. बता दें कि यह समिति राज्य में दुर्घटना से होने वाली मौतों की संख्या को कम करने के लिए सरकार की तैयारियों की जांच करने आई थी. बैठक में बताया गया कि शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाली मौतों में प्रयागराज सबसे ऊपर है. वहीं, प्रदेश में गलत दिशा में वाहन चलाने से होने वाली मौतों में कानपुर और प्रयागराज का योगदान पहले और दूसरे स्थान पर है.
ओवरस्पीडिंग से हर सबसे ज्यादा मौतें
बैठक में बताया गया कि पिछले पांच साल में ओवरस्पीडिंग ने आगरा में हर साल 1310 लोगों की जान चली गई. आगरा के बाद कानपुर में 769, मेरठ में 752, लखनऊ में 712, प्रयागराज में 648, गाजियाबाद में 537 और वाराणसी में 276 मौतें हुईं. कुल मिलाकर ओवरस्पीडिंग को राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण बताया गया है. बताया गया कि साल 2020 में ओवर स्पीडिंग से होने वाली मौतें 38 फीसदी थी, जो साल 2021 में बढ़कर 40 फीसदी हो गई.
मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से होने वाली मौतें
वहीं, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन के उपयोग के कारण सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मामले में कानपुर सबसे ऊपर है. बताया गया कि कानपुर में मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के कारण होने वाले सड़क हादसों में हर साल औसतन 588 लोगों की जान चली जाती है.
मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी बड़ा कारण
कानपुर के बाद प्रयागराज प्रयागराज दूसरे नंबर पर है. यहां हर साल 416 लोगों की इसी कारण से मौत हो जाती है. वहीं, वाराणसी में 262, लखनऊ में 184, आगरा में 127, मेरठ में 109 और गाजियाबाद में 20 मौतें हो जाती हैं. वहीं, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल के कारण यूपी में दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का तीसरा सबसे बड़ा कारण बना हुआ है.
शराब पीकर वाहन चलाने से प्रयागराज में सबसे ज्यादा मौतें
वहीं, जब शराब पीकर वाहन चलाने से होने वाली मौतों की बात आती है तो प्रयागराज इसमें सबसे अव्वल है. यहां हर साल 443 मौतें हो जाती हैं. कानपुर में 369, मेरठ में 311, आगरा में 174, लखनऊ में 168, वाराणसी में 168 मौतें हो जाती हैं.
गलत दिशा में वाहन चलाने से कानपुर में सबसे ज्यादा मौतें
गलत दिशा में वाहन चलाना भी बड़ी समस्या बन गई है. गलत दिशा में वाहन चलाने से होने वाली मौतों में कानपुर सबसे आगे है. यहां हर साल औसतन 496 लोगों की जान चली जाती है. प्रयागराज में 443, आगरा में 364, लखनऊ में 249 और वाराणसी में 154 मौतें हो जाती हैं.
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा से की मुलाकात
न्यायमूर्ति सप्रे ने सभी संबंधित अधिकारियों को यूपी में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या को कम करने के लिए कहा है. उन्होंने शुक्रवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा से भी मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि उनकी टीम पिछले पांच वर्षों के यूपी के सड़क दुर्घटना के आंकड़ों का विश्लेषण किया. इसमें राज्य में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों को रोकने के लिए सभी उचित उपाय करने के निर्देश जारी किए हैं.
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