श्याम तिवारी/कानपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत कानपुर दौरे पर हैं. 9 अक्टूबर को वह वाल्मीकि जयंती पर नानाराव पार्क में वाल्मीकि समाज के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.  इस दौरान वह लोगों को संबोधित भी करेंगे. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का स्वर संगम घोष शिविर गुरुवार से शुरू हो चुका है. 10 अक्तूबर को एसडी कॉलेज परिसर में परिवार मिलन समारोह में शामिल होकर आमजनों के लिए विशेष संबोधन होगा. वाल्मीकि जयंती पर संघ प्रमुख के सम्बोधन को काफी अहम माना जा रहा है. 


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आरएसएस के कानपुर प्रांत में 21 जिले आते हैं. बताया जा रहा है कि घोष शिविर में शामिल होकर संघ प्रमुख स्वयंसेवकों के मन को टटोलने का प्रयास करेंगे. वह प्रत्यक्ष संवाद कर उनसे देश और समाज के  प्रति उनका नजरिया समझेंगे. निकाय चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के नजरिए से भी मोहन भागवत का कानपुर दौरा अहम हो जाता है.
समरसा को दे रहे प्राथमिकता
दरअसल संघ सामाजिक समरसता को लेकर देश भर में एक विमर्श खड़ा कर रहा है. इसके लिए समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है. इन कार्यक्रमों का उद्देश्य जाति और पंथ से ऊपर उठकर समाज की रचना करना है.


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घोष वर्ग में वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित घोष वर्ग में पारम्परिक वाद्ययंत्र पखावज, बांसुरी,ढोलक, तबला, सितार, तानपुरा, शहनाई की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. यही नहीं स्वयंसेवक इन्हें बजाकर अपनी प्रतिभा और अनुशासन का परिचय देंगे. इस मौके पर आधुनिक वाद्ययंत्रों जैसे गिटार, सैक्सोफोन, इलेक्ट्रॉनिक कीबोर्ड, कोगा आदि की धुन भी लोगों को सुनाई देगी. खास बात यह है कि इस बार विलुप्त होते कुछ वाद्ययंत्र जैसे मेन्डोलियन, पैर से धौंक कर बजायी जाने वाली हारमोनियम, चमेली आदि को भी शामिल किया गया है.