सहारनपुर: खनन माफिया पूर्व MLC हाजी इकबाल की कोठियों पर दूसरे दिन भी चल रहा है बुलडोजर, ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी
पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल ( Haji Iqbal ) और उनके भाई पूर्व MLC महमूद अली की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. दोनों भाइयों की न्यू भगत सिंह कॉलोनी में स्थित तीन बड़ी कोठियों पर विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर चला दिया है.
नीना जैन/सहारनपुर: पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल ( Haji Iqbal ) और उनके भाई पूर्व MLC महमूद अली की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. दोनों भाइयों की न्यू भगत सिंह कॉलोनी में स्थित तीन बड़ी कोठियों पर विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर चला दिया है. इनमें से हाजी इकबाल की दो कोठियों के अवैध हिस्सों को गिराया गया है, जबकि महमूद अली की एक कोठी पूरी तरह जमींदोज की जानी है, जिस पर पहले दिन करीब 30 फीसदी ही कार्रवाई हो सकी है जबकि एक कोठी को सीज कर दिया गया है. आज दूसरे दिन भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जा रही है.
विकास प्राधिकरण की कार्यवाहक सचिव/एसडीएम सदर किंशुक श्रीवास्तव प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर जेसीबी के साथ न्यू भगत सिंह कॉलोनी पहुंचीं. किसी भी तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल और कई थानों के प्रभारी बुलाए गए थे. इसके अलावा सिटी मजिस्ट्रेट विवेक चतुर्वेदी, एडीएम वित्त एवं राजस्व रजनीश कुमार मिश्र भी मौके पर पहुंच गए. सभी अधिकारियों के इकट्ठा होने के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई. कॉलोनी की अंतिम गली में साथ-साथ बनी हाजी इकबाल की दो कोठियों पर सबसे पहले कार्रवाई की गई. सबसे पहले 450 वर्ग गज में बनी तीन मंजिला कोठी पर कार्रवाई की गई.
मानचित्र के विपरीत किया गया निर्माण कार्य
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि उक्त कोठी का मानचित्र पास कराया गया था, लेकिन मानचित्र के विपरीत निर्माण किया गया और उसी को ध्वस्त किया जा रहा है. इस कोठी के मुख्य द्वार से लेकर एक साइड की दीवारों को जगह-जगह से तोड़ा गया. यह कोठी साल 1999 की बनी हुई बताई गई है. इसी से सटाकर बनी हुई कोठी को भी अवैध बताया गया, जिसका सामने लगा गेट और दीवार को ध्वस्त किया गया है. इसके बाद प्राधिकरण की टीम पूरे प्रशासनिक और पुलिस अमले के साथ इन दोनों कोठियों से पहले बनी पूर्व एमएलसी महमूद अली की कोठी पर कार्रवाई करने पहुंची.
कोठी का निर्माण अवैध
यह कोठी करीब 500 वर्ग गज में बनी हुई है. पूरी कोठी का निर्माण अवैध बताया गया है. इसका मानचित्र स्वीकृत नहीं कराया गया था. ऐसे में यह पूरी कोठी ही जमींदोज की जानी है. ऐसे में प्राधिकरण ने जेसीबी से मेन गेट तुड़वाने के बाद अंदर के ताले तुड़वाकर पहले कोठी से मुख्य सामान बाहर निकलवाकर उसे खाली कराया. इसके बाद कोठी के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की. कोठी में बने हॉल की दो साइड की दीवारों को पूरी तरह गिरा दिया गया है. अन्य दीवारों को भी ध्वस्त किया गया है. आज दूसरे दिन भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जा रही है
दो मकान आंशिक रूप से ध्वस्त
एसडीएम किंशूक श्रीवास्तव ने बताया कि हाजी इकबाल और उनके परिजनों के इस कॉलोनी में चार मकान हैं. इन मकानों में से दो को आंशिक रूप से ध्वस्त किया गया है. उनके नक्शे तो थे लेकिन नक्शे के विपरीत बनाया गया था जबकि उनके भाई महमूद अली के नाम जो मकान है उसे पूरी तरह से ध्वस्तीकरण करण किया जा रहा है. 35% ध्वस्तिकरण कल हो गया था शेष का काम आज पूरा हो जाएगा. वहीं हाजी इकबाल के बेटे जावेद का भी मकान है जिसे सीज किया गया है. इन सभी को भी नोटिस मई में दिए गए थे जिनका जवाब संतुष्टिकरण ना पाए जाने पर अपील का समय भी खत्म हो गया था जिसके बाद अब ध्वस्तिकरण की कार्रवाई की जा रही है.
WATCH LIVE TV