सहारनपुर में लड़कियों का मदरसा बना मिसाल: NCERT से पढ़ाई, मुंबई-गुजरात से भी पढ़ने आती हैं बच्चियां
Saharanpur Girls Madarsa: मदरसे की नाजिमा करीम बानो ने बताया कि कुछ मदरसों की वजह से अच्छे मदरसों को भी शक की नजर से देखा जाता है. एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है... यह मदरसा ऐसा है, जिसमें 550 छात्राएं तालीम लेने आती हैं और दीनी तालीम के साथ NCERT की भी पढ़ाई कराई जाती है...
Saharanpur Girls Madarsa: उत्तर प्रदेश में मदरसों को लेकर शासन ने एक निर्देश जारी करते हुए कहा कि मदरसा सरकारी हो या प्राइवेट, सभी का सर्वे किया जाएगा. अब मदरसों में कैसे पढ़ाई हो रही है और बच्चों के ज्ञान का स्तर क्या है, यह देखने के लिए ज़ी यूपी-उत्तराखंड ने सहारनपुर के मदरसे से ग्राउंड रिपोर्ट की. सहारनपुर के थाना मंडी क्षेत्र के हबीब गढ़ में जमीअतुत तय्यिबात मदसरा है, जहां लड़कियों को तालीम दी जाती है. इस मदरसे में नर्सरी से लेकर हाई स्कूल तक की पढ़ाई होती है. 6 बीघे में बने इस मदरसे में केवल दीनी शिक्षा ही नहीं, अन्य पढ़ाई भी होती है.
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दीनी तालीम के साथ एनसीईआरटी की भी होती है पढ़ाई
मदरसे की नाजिमा करीम बानो ने बताया कि वह 2002 से इस मदरसे से जुड़ी हैं और आज वह नाजिमा प्रधानाचार्य के तौर पर कार्य कर रही हैं. उनका मदरसा प्राइवेट है, सरकारी मदद नहीं मिलती. ऐसे में वह चंदा इकट्ठा कर मदरसा चलाती हैं. सहारनपुर नगर में यह लड़कियों का एकमात्र मदरसा है. यहां केवल दीनी तालीम ही नहीं, एनसीईआरटी की पढ़ाई भी कराई जाती है. यहां बच्चियां कंप्यूटर भी सीखती हैं और तकनीकी जानकारी भी लेती हैं. उन्होंने बताया कि सरकार मदरसों का सर्वे करा रही है, इसकी जानकारी नहीं थी.
दूसरे प्रदेशों से भी पढ़ने आती हैं छात्राएं
नाजिमा करीम बानो का कहना है कि कुछ मदरसों की वजह से सभी मदरसों को शक की नजर से देखा जाता है. उन्होंने कहा कि यह सही है कि कुछ मदरसे ऐसे हैं, जिसके कारण सभी मदरसे की स्थिति खराब हो रही है. एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है. यही हालत मदरसों को लेकर है. उनका मदरसा 2001 से चल रहा है और बिल्कुल सही चल रहा है. लगभग 550 छात्राएं उनके मदरसे में पढ़ती हैं. इसके अलावा, गुजरात, मुंबई, आजमगढ़, लुधियाना, आगरा, दिल्ली आदि कई जगहों की लड़कियां उनके हॉस्टल में रहती हैं. यहां पर छात्राओं को अरबी, फारसी, हिंदी, अंग्रेजी, आदि भाषाओं की पढ़ाई कराई जाती है.
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बच्चों को भी है अच्छी-खासी नॉलेज
वहीं, छठी से आठवीं और दसवीं क्लास के बच्चों से कुछ सवाल किए गए तो कुछ ने सही जवाब दिए, वहीं कुछ ने गलत भी दिए. किसी ने पीएम का सही नाम बताया तो किसी ने पीएम का नाम योगी आदित्यनाथ बता दिया. इसके अलावा, किसी ने जिला अधिकारी का नाम अखिलेश सिंह की जगह अखिलेश यादव बताया. वहीं, कई बच्चों ने मुख्यमंत्री का नाम भी गलत बताया. दूसरी तरफ कई बच्चे ऐसे भी थे, जिन्हें पीएम-सीएम-डीएम के साथ साथ एसएसपी के नाम की सही जानकारी थी.
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