जयपाल/वाराणसी : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मंगलवार 11 जुलाई को नाविकों द्वारा गंगा में धरना दिए जाने की खबर सामने आई. जानकारी के अनुसार संत रविदास घाट पर खड़े 4 क्रूज को नाविकों ने नावों घेर लिया और मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. असल में सोमवार की शाम से ही नाविकों का धरना शुरू हो चुका था. इसके कारण उन्होंने बोट राइडिंग भी बंद कर दी थी. 


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क्रोज़ को नावों से घेरा 
सोमवार से चल रहे इस धरने में नाविकों ने गंगा में मौजूद 4 क्रूजों को अपनी नावों से चारों ओर से घेर लिया. हालांकि धरना मंगलवार की शाम तक समाप्त हो गया. नाविकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि वो अब क्रूज को भी चलने नही देंगे उनकी अगर रोजी-रोटी छीनी गई तो वो आंदोलन करने पर मजबूर होंगे. इस बीच भारी संख्या में पहुंची पुलिस ने नाविकों को समझाते हुए हटने के लिए कहा. 


दशाश्वमेध घाट पहुंचे DM
प्रदर्शन की जानकारी लगते ही DM एस. राजलिंगम मंगलवार को दशाश्वमेध घाट पहुंचे. उन्होंने नाविकों को समझाइश देते हुए उनके साथ बैठक की. बैठक में फैसला लिया गया कि नाविक समाज 11 सदस्यीय कमेटी बनाएगा, कमेटी का सुझाव ना आने तक वाटर टैक्सी नहीं चलेगी. माझी समाज के अध्यक्ष प्रमोद माझी ने कहा कि यह बैठक 90% तक विफल रही है.


क्या है विरोध का कारण 
जानकारी के मुताबिक इस विरोध प्रदर्शन का सीधा कारण है नाविकों का धंदा चौपट होना. नाविकों को डर है कि अगर वाटर टैक्सी चली तो उनकी बोट्स में बैठना कौन पसंद करेगा और इससे उनके ग्राहक कम होंगे. नाविकों ने साफ जाहीर कर दिया है कि चाहें कुछ भी हो जाए पर गंगा में वाटर टैक्सी नहीं चलेंगी. इस मंजर को देख घाट पर आए श्रद्धालु भी डर गए. 


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