अजित सिंह/लखनऊ :  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता उत्तर भारत के साथ ही दक्षिण में भी काफी है. उनके ऊपर लिखी किताब को जिस तरह लोगों ने हाथो हाथ लिया, उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है. मंगलवार को हैदराबाद में योगी के जीवन संघर्ष पर आधारित ग्राफिक्स बेस्ड नॉवेल 'अजय टू योगी आदित्यनाथ' को लॉन्च करते ही इससे संबंधित हैशटैग्स सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसी से जुड़ा एक हैशटैग #YogiBookRocksHyderabad ट्विटर के इंडिया ट्रेंड्स में लगातार दिन भर टॉप ट्रेंडिंग में बना रहा. उल्लेखनीय है कि तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के खैरताबाद स्थित इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के सभागार में मंगलवार सुबह बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल और बीजेपी की प्रवक्ता शाजिया इल्मी की मौजूदगी में योगी के जीवन संघर्ष पर आधारित ग्राफिक्स बेस्ड नॉवेल 'अजय टू योगी आदित्यनाथ' का दक्षिण भारत के लिए विमोचन किया गया. पुस्तक को लेकर कुछ ही देर में इससे जुड़े हैशटैग्स सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे.    


युवा पाठकों को ध्यान में रखकर लिखी गई है बुक  
योगी पर दो बेस्टसेलर उपन्यास लिखने वाले प्रसिद्ध लेखक शांतनु गुप्ता ने युवा पाठकों को ध्यान में रखकर इस ग्राफिक्स बेस्ड नॉवेल  "अजय टू योगी आदित्यनाथ" की रचना की है. योगी आदित्यनाथ के 51वें जन्मदिन पर 5 जून को उत्तर प्रदेश के 51+ स्कूलों में यह ग्राफिकल उपन्यास लॉन्च किया गया था, जिसके बाद से ही यह उपन्यास ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन पर भी बेस्टसेलर केटेगरी में आ गया है. इसने विमोचन के साथ ही एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल होकर रिकॉर्ड बनाया था. उस रिकॉर्ड लॉन्चिंग सेरेमनी में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 51+ स्कूलों में 5000 से अधिक बच्चे भी शामिल थे. यह पहली बार था कि बच्चों के लिए किसी पुस्तक को कई स्थानों पर एक साथ इतने अधिक प्रतिभागियों द्वारा लॉन्च किया गया. यही वजह है कि इस लॉन्चिंग सेरेमनी ने एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जगह बना ली थी.  


यह भी पढ़ें: योगी सरकार ने 7570 साइबर अपराधियों पर चलाया हंटर, 90 करोड़ रुपए की रिकवरी 


उल्लेखनीय है कि 'अजय टू योगी आदित्यनाथ' दरअसल छह अन्य भाई-बहनों के साथ उत्तराखंड के भीतरी इलाकों में पैदा हुए एक युवा लड़के अजय सिंह बिष्ट की यात्रा है. जिन्होंने गोरखनाथ मठ के महंत और फिर भारतीय संसद के सबसे कम उम्र के सदस्य व भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने की यात्रा तय की.


Watch: 43 साल बाद सार्वजनिक हुआ मुरादाबाद दंगों का सच, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन के पटल पर रखी रिपोर्ट