UP Politics:नेताजी के नाम पर भावुक अखिलेश का सीएम योगी को जवाब, जानिए इससे पहले कब हुआ पिता के नाम पर सियासी बवाल
उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर खूब सियासी वार कर रहे हैं. लेकिन शनिवार को सीएम योगी का अखिलेश पर बयान और फिर मंगलवार को अखिलेश का उस पर पलटवार इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है.
लखनऊ : सियासत में आरोप-प्रत्यारोप कोई नई बात नहीं है. लेकिन जब यह निजी जिंदगी और रिश्तों पर सवाल उठने-उठाने तब्दील हो जाए तो माहौल कड़वाहट आना स्वाभाविक है. पिछले शनिवार को विधानसभा के बजट सत्र 2023 की चर्चा के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बीच नेताजी के मुद्दे पर बहस हो गई. दरअसल सीएम अपनी बात कहते-कहते अखिलेश की ओर मुखातिब होते हुए यहां तक कह दिया कि तुम्हें शर्म करनी चाहिए, जो पिता का सम्मान नहीं कर पाए. सीएम योगी की मंशा भले ही अखिलेश को ठेस पहुंचाने की न रही हो, लेकिन अखिलेश को यह बात भावुक कर गई.
यही वजह है कि मंगलवार को सदन में अखिलेश यादव बजट भाषण में नेता प्रतिपक्ष जब बोलने के लिए खड़े हुए तो अखिलेश यादव ने बड़े ही भावुक अंदाज में सीएम योगी के बयान पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि ''ऐसा विचार सदन में नहीं आना चाहिए. किसी के पिता के बारे में बुरा बोला जाएगा, तो स्वाभाविक है कि दूसरा भी उनके पिता के बारे में बोलेगा. अगर आप परम्पराओं पर चलना चाहते हैं तो ये परम्परा आपको (सीएम योगी) छोड़नी होगी. अगर परम्पराओं पर बात होगी है तो आपने भी बहुत से रीति-रिवाज को नहीं माना. ठीक नहीं लगेगा कि मैं भी वो सब कहूं, नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने मुझे ऐसी शिक्षा नहीं दी है.'' जब अखिलेश यादव ऐसा कह रहे थे तो सीएम योगी आदित्यनाथ सिर हिलाते नजर आए.
सोशल मीडिया में हुई अखिलेश की तारीफ
सपा की प्रवक्ता जूही सिंह ने बजट सत्र 2023 का यह वीडियो सोशल मीडिया में साझा किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि उदाहरण है अखिलेश यादव, व्यक्तव्य की अपनी बात सभ्यता, शालीनता, मर्यादा और मजबूती के साथ कैसे की जा सकती है.जूही सिंह के ट्वीट पर काफी लोगों ने प्रतिक्रिया भी दी. कई लोगों ने अखिलेश की जमकर तारीफ भी की.
बजट सत्र के दौरान सपा ने उमेश पाल हत्याकांड को लेकर योगी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा है. वहीं सीएम योगी ने भी सपा के पिछले कार्यकाल की याद दिलाकर विपक्ष को नहीहत दी. हालांकि सियासी आरोप प्रत्यारोप के बीच विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दिए गए भोज के दौरान दोनों नेताओं के बीच ठहाके लगाने वाली सुंदर तस्वीर भी सामने आई.
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डिप्टी सीएम के साथ भी हुई थी बहस
वैसे यह कोई पहला मौका नहीं है जब विधानसभा की कार्रवाही के दौरान नेताओं के पिता जी का मुद्दा न बना हो. इससे पहले 25 मई 2022 को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्य से सवाल करते हुए कहा था कि यह पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे हैं, लेकिन इन्हें नहीं मालूम कि उनके जिला मुख्यालय की सड़क किसने बनाई? बताएं, फोर लेन किसने बनाई?
इसपर केशव प्रसाद ने कहा था कि “आप भी 400 सीट का दावा कर रहे थे, लेकिन खुद 100 सीट ही जीत पाए हैं. आपका अभी कोई भविष्य नहीं है लेकिन आप कह रहे हैं कि सड़क किसने बनवाई, एक्सप्रेस-वे किसने बनवाई, मेट्रो किसने बनवाई है, ऐसा लगता है कि सैफई बेचकर बनवाया है.”
इस पर अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम मौर्य के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था, “तुम अपने पिताजी से पैसे लाते हो क्या?” वहीं, तू-तू मैं-मै बढ़ते देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बीच में आ गए और उन्होंने अखिलेश के बयान पर आपत्ति जताते हुए इस बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग की थी.
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