Kanpur Violence: कानपुर में हुए दंगे के पीछे की साजिश में एक नया एंगल सामने आया है, जहां एक तरफ हिंसा को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव बीजेपी को घेरन का काम कर रहे थे.वहीं, अब हिंसा को लेकर उनकी पार्टी पर सवाल उठ रहे हैं. इस मामले में नामजद एक आरोपी उनकी पार्टी को लोकल पदाधिकारी है. जिसका खुलासा होने के बाद सपा बैकफुट पर नजर आ रही है.


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सपा विधायकों के साथ है उठना बैठना 
कानपुर हिंसा में एमएम जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी के अलावा के अलावा ऑल इंडिया जमीअतुल कुरैशी एक्शन कमेटी का भी नाम सामने निकल कर आया है. इस संस्था ने भी 3 जून को बंद का एलान किया था.इस संस्था के जिला अध्यक्ष निजाम कुरैशी का समाजवादी पार्टी से भी कनेक्शन है.निजाम कुरैशी का शहर के तीनों विधायकों के साथ उठना बैठना है.साथ ही समाजवादी पार्टी के अन्य पदाधिकारियों से अच्छे संबंध भी सामने आए है.वह सपा का महानगर सचिव है.इस हिंसा में अब तक हुई एफआईआर में पुलिस ने उस पर भी मुकदमा दर्ज कराया है.जिसके बाद से सपा महानगर सचिव निजाम कुरैशी फरार है.


निजाम कुरैशी के बारे में जब सपा के नगर अध्यक्ष डॉ इमरान से बात की तो उन्होंने निजाम कुरैशी को नगर सचिव बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि वो अपनी भी एक संस्था चलाते है जिसका समाजवादी पार्टी से कुछ लेना देना नहीं है. वहीं उन्होंने बाद में एक पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया कि निजाम को पहले ही पार्टी से पद मुक्त किया जा चुका है. बीजेपी सांसद देवेन्द्र सिंह भोले ने मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सपा को दंगावादी पार्टी बता दिया. 


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