लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता का पद खाली होने के खिलाफ याचिका पर विधान परिषद के सभापति को नोटिस जारी किया. समाजवादी पार्टी के एमएलसी लालबिहारी यादव की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि विधान परिषद में एसपी सदस्यों की संख्या 10 फीसदी से कम होने का हवाला देकर विपक्ष के नेता का पद ले लिया गया है. लाल बिहारी यादव की नेता विपक्ष की मान्यता 7 जुलाई 2022 को समाप्त कर दी गयी थी. इसके लिए उन्होंने पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने मान्यता रद्द करने के सभापति के आदेश में कोई खामी न पाते हुए उनकी अर्जी को खारिज कर दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.


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