संभल की बेटी ने रूस में लहराया भारत का परचम, पलक मलिक ने कांस्य पदक जीत रोशन किया यूपी का नाम
Sambhal: संभल की बेटी ने रूस में भारत का परचम लहराया है. ब्लादीबोस्तोक में कुराश प्रतियोगिता में अपना दम खम दिखाकर कांस्य पदक हासिल किया है. पलक का संभल लौटने पर ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया गया है.
सुनील सिंह/संभल: संभल की कुराश खिलाड़ी पलक मलिक (Palak Malik) ने रूस के ब्लादीबोस्तोक में कुराश प्रतियोगिता में अपना दम खम दिखाकर कांस्य पदक हासिल कर भारत का परचम लहराया है. रूस से कांस्य पदक हासिल कर संभल लौटी कुराज खिलाड़ी पलक मलिक का ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया गया है.
संभल के हजरत नगर गढ़ी इलाके की निवासी पलक मलिक ने रूस के ब्लादीबोस्तोक में कुराज प्रतियोगिता में दमखम दिखा कर कांस्य पदक हासिल किया है. संभल की पलक मलिक नौ भारतीय खिलाड़ियों की टीम में यूपी की तरफ से प्रतिभाग करने वाली अकेली बेटी हैं. कांस्य पदक जीतने के बाद पलक मलिक आज भारत लौटने पर अपने गृह क्षेत्र संभल पहुंची तो पलक मलिक के कोच भोले त्यागी सहित संभल के लोगों ने तिरंगा हाथ में लेकर पलक मलिक के साथ रैली निकालते हुए जश्न मनाया.
जिसके बाद मलिक मलिक संभल में सबसे पहले चौधरी चरण सिंह पार्क पर पहुंची जहां चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके आशीर्वाद लिया. इसके बाद खिलाड़ी पलक मलिक संभल के चामुंडा मंदिर पर पहुंची और वहां मां दुर्गा के दर्शन किए.
कांस्य पदक जीतने वाली पलक मलिक का कहना है कि जिस तरह से मैंने कुराश प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल किया है. इसी तरह से देश की दूसरी लड़कियों को भी आगे आना चाहिए और इसी तरह जीत हासिल करके देश का नाम रोशन करना चाहिए. संभल के लोगों ने जिस तरह से यह खिलाड़ी का स्वागत किया है. इसको लेकर मुझे काफी खुशी है. पलक मलिक ने संभल के खिलाड़ियों के लिए सरकार से खेल सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने मांग की है.
कांस्य पदक जीत कर यूपी का नाम रोशन करने वाली पलक मलिक के कोच भोले त्यागी ने कांस्य पदक जीतने पर खुशी जाहिर की है. उनका कहना है कि आज पलक मलिक ने भले ही कांस्य पदक जीता है लेकिन इससे पहले भी कई खिलाड़ी सिल्वर और गोल्ड मेडल जीत चुके हैं , लेकिन आज तक संभल के किसी नेता ने विजेता खिलाड़ियों को कोई सम्मान नहीं दिया. चुनाव में वोट के लिए पैसा पानी की तरह बहाया जाता है ,लेकिन कभी खिलाड़ियों को खेल संसाधन मुहैया कराने और खिलाड़ियों का सम्मान करना संभल के नेताओं ने नहीं सीखा.
जानिए क्या है कुराश खेल
कुराश खेल कुश्ती और जूडो खेल का मिलाजुला रूप है. इस खेल में पहलवान खिलाड़ी की हार जीत का फैसला जमीन पर पहलवान को चित करने से नहीं बल्कि दांवपेच की तकनीक के आधार पर मिले पॉइंट के आधार पर किया जाता है. यदि इस खेल में खिलाड़ी के पैर का घुटना भी जमीन से छू जाएगा तो खिलाड़ी प्रतियोगिता से बाहर हो जाएगा.