Secrets of Nidhivan: निधिवन का वह रहस्य, जिसने देखा वह बताने लायक नहीं रहा! रोंगटे खड़ी कर देती है यह कहानी
Nidhivan Ke Rahasya: निधिवन में ही एक छोटा सा कमरा है, जिसे रंगमहल कहा जाता है. यहां हर सुबह बंसी बजाइया, रास रचिया श्रीकृष्ण के साक्षात् मौजूद होने के निशान मिलते हैं. अब इसे सच कहें या एक भ्रम या कही सुनी कहानियां... विज्ञान के पास इसका कोई जवाब नहीं.
Secrets of Nidhivan: दुनियाभर में कई ऐसी जगह हैं, जिनकी कहानियां अविश्वनीय हैं. ऐसी कहानियां, जिनपर यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, लेकिन उससे इनकार भी नहीं किया जा सकता. पुख्ता तौर पर इन कहानियों के कोई प्रमाण तो नहीं होते, लेकिन कुछ कथित तथ्य यह बताने के लिए काफी हैं कि यहां कोई न कोई राज़ जरूर छुपा है. आज यूपी के ऐसे ही एक स्थान की बात करते हैं-
यह भी पढ़ें: Navratri 2022: नवरात्रि में जौ बोने की वजह है बेहद खास, आपके बारे में कई बातें बताता है इस फसल का रंग
रोंगटे खड़े कर देती है निधिवन की कहानी
कृष्ण की नगरी मथुरा को प्रेम की भूमि कहा जाता है. वह धरा, जहां कण-कण में श्रीकृष्ण का वास है, लेकिन यहीं एक ऐसी जगह भी है जो कलयुग में होते हुए भी द्वापर युग में ले जाती है. कहते हैं कि यहां रात के समय में जाना मना है. जो गया या वह या तो अंधा हो गया या फिर कुछ बताने लायक ही नहीं रहा. श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में जन्मभूमि से बस कुछ ही दूर वृंदावन में स्थित है निधिवन. यह एक ऐसा रहस्यमयी वन है, जिसके बारे में वर्षों तक शोध हुआ, लेकिन यहां के रहस्यों के पीछे का तोड़ निकालने में कोई कामयाब नहीं हो सका. कहते हैं कि यहां खुद श्रीकृष्ण अपनी प्रिय राधा रानी और गोपियों के संग रास रचाने आते हैं और हर रात लीला करते हैं.
सदियों से चली आ रही है यह परंपरा
निधिवन में जहां दिन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, वहीं सूर्यास्त के बाद किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाता. यहां ताले लगा दिए जाते हैं और यह प्रथा अभी की नहीं, बल्कि सदियों से चली आ रही है.
यह भी पढ़ें: Navratri 2022: नवरात्रि के दिनों में भूलकर भी ना खाएं ये चीजें, वरना देवी मां का सहना पड़गा कोप
सदियों पुराने सिलसिले को कोई नहीं समझ पाया...
आज आप जमीन पर बैठकर ब्रह्मांड देख सकते हैं, लेकिन निधिवन के जंगल की रात नहीं. इंसान क्या, यहां जानवर भी रात को नहीं रुकते. यहां तक कि श्रीकृष्ण की मुरली की धुन से बंधे बंदर भी रात होते ही निधिवन छोड़ देते हैं. आज तक कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है, जो निधिवन की रात का गवाह हो सके. जिसने भी इस राज़ को जाना, वो इसे बताने के काबिल ही नहीं रहा है.
तुलसी के पेड़ बनती हैं गोपियां, राधा-कृष्ण करते हैं रासलीला
दरअसल, कहा जाता है कि शाम होते ही कान्हा-राधा वन में रास रचाने आते हैं. वहीं, तुलसी के पेड़, जोड़ों के रूप में गोपियां बन जाते हैं और सुबह फिर वापस पेड़ का रूप ले लेते हैं. देखा जाए तो निधिवन में मौजूद पेड़ अपनी तरह के बेहद खास हैं. आमतौर पर पेड़ों की शाखाएं ऊपर की और बढ़ती हैं, लेकिन निधिवन में मौजूद इन पेड़ों की शाखाएं नीचे आती हैं. इन पेड़ों की स्थिति ऐसी है कि रास्ता बनाने के लिए उनकी शाखाओं को डंडों के सहारे फैलने से रोका गया है.
सपना चौधरी के हरियाणवी गाने 'पतली कमर' पर काला सूट पहन क्यूट लड़की ने किया ऐसा डांस, देख नजर नहीं हटा पाएंगे...