Sex Education: किशोरावस्था में बेहद जरूरी है सेक्स एजुकेशन, नहीं तो हो सकती हैं यह बड़ी गलतियां
आज के समय में बहुत कम ऐसे टीनएजर्स होंगे जिन्हें सेक्स के बारे में पता न हो, लेकिन क्या वह जानकारी सही है यह कहना मुश्किल होगा. दरअसल, आमतौर पर किशोरावस्था में लड़के-लड़कियां में यह चर्चा का विषय होता है.
Sex Education For Teenagers: आज के समय में बहुत कम ऐसे टीनएजर्स होंगे जिन्हें सेक्स के बारे में पता न हो, लेकिन क्या वह जानकारी सही है यह कहना मुश्किल होगा. दरअसल, आमतौर पर किशोरावस्था में लड़के-लड़कियां में यह चर्चा का विषय होता है. अपने दोस्तों से वह इस पर घंटों बात करते है, ज्यादा होता है तो इंटरनेट का सहारा ले लेते हैं. इसके बावजूद वे किसी समझदार व्यक्ति या अपने बड़ों से बात करने में हिचकते हैं. ऐसे में सही शिक्षा नहीं मिल पाती.
क्यों जरूरी है सेक्स एजुकेशन
किशोरावस्था एक ऐसी उम्र होती है जब यौन उत्तेजना और अवधारणाएं बढ़ती हैं. यहां सही जानकारी न होने के चलते बच्चे कई गलतियां कर बैठते हैं, जिसके अनचाहे परिणाम देखने को मिलते हैं. ऐसे में यौन शिक्षा के माध्यम से किशोरों को समय रहते सही जानकारी दी जा सकती है. इससे उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित यौन जीवन जीने में मदद मिलेगी. साथ ही उन्हें खुद को और अपने साथी की भावनाओं को समझने की सीख भी मिलेगी. किशोरों में सेक्स से संबंधित कई धारणाएं और गलतफहमियां होती हैं. इसका कारण सही जानकारी का अभाव होता है.
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बीमारियों के बारे में मिलेगी जानकारी
सही यौन शिक्षा से किशोरों को अपने मानव शरीर को समझने में मदद मिलेगी. इसके अलावा बच्चों को गर्भधारण, गर्भनिरोधक, सेक्सुअल ट्रांसमिशन ऑफ इन्फेक्शन (STI) के बारे में जानने को मिलेगा. इससे वे तमाम समस्याओं से बच सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं. सेक्स एजुकेशन से बच्चों को एचआईवी और एड्स जैसी बीमारियों के बारे में सही जानकारी मिलेगी, ताकि वे कभी भविष्य में इनका शिकार न हों. इसके अलावा सेक्स एजुकेशन मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के दृष्टिकोण का भी समर्थन करता है.
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