सुनील सिंह/संभल: शिवपाल यादव का समाजवादी पार्टी से भले ही कि अब कोई रिश्ता न हो, लेकिन अक्सर पुराने दौर को याद कर उनका दर्द छलक जाता है. प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव का सपा से निकाले जाने का यह दर्द संभल (Sambhal) में यदुकुल पुनर्जागरण सम्मेलन के दौरान छलक उठा. सम्मेलन में शिरकत करते हुए वह काफी भावुक दिखे. लोगों को संबोधित करते हुए शिवपाल ने कहा कि जब हम सरकार में थे तब हमारे समर्थकों और विधायकों ने हम से जो मांगा वह हमने दिया. उन दिनों हमसे काम निकलवाने के लिए जीजा-साली का रिश्ता निकाला जाता था लेकिन जब कमीशन खा-खा कर संपन्न हो गए तो रिश्ता तोड़ लिया. शिवपाल यादव ने सम्मेलन में मौजूद लोगों से सवाल भी किया कि एक बार रिश्ता बनाने के बाद क्या तोड़ा जाता है. लेकिन हमसे जीजा-साली का रिश्ता बनाने वाले 2016 के बाद दिखाई ही नहीं दिए.


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राजनीति में न आता तो टीचर होता
शिवपाल ने कहा के बीएसपी के 40 विधायक तोड़कर मुलायम सिंह को भी मुख्यमंत्री हमने ही बनाया था. जबकि राज्यपाल ने सपा को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण तक नहीं दिया था. शिवपाल यादव ने यह दावा भी किया अगर हम समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में होते तो 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का एक भी प्रत्याशी नहीं जीतता. 


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उन्होंने मुलायम सिंह की तारीफ करते हुए कहा की मुलायम सिंह ही हमें राजनीति में लेकर आए. अगर हम राजनीति में नहीं होते तो आज शिक्षक होते. मुलायम सिंह ने राजनीति में हमे जो रास्ता दिखाया था, हम आज भी उसी रास्ते पर चल रहे है. प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार पर निशाना भी साधा. प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जो वायदे किए थे, सरकार उन पर खरी नहीं उतरी है.