वेदेन्द्र प्रताप शर्मा/आजमगढ़ : जनपद आजमगढ़ में सिधारी थाना क्षेत्र के हरबंशपुर में चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज में 31 जुलाई को संदिग्ध हालत में 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी की मौत हो गई थी. इस मामले में स्कूल प्रशासन पर टॉर्चर और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था. दो दिन पहले मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब बुधवार को मऊ सीओ सिटी की विवेचना के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा आरोपियों को जमानत दे दी गई. विवेचक से क्लीनचिट मिलते ही अभियुक्तगण जेल से रिहा हो गये. लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठ रहे हैं. वहीं इसके विरोध में शनिवार को श्रेया के परिजन समेत बड़ी संख्या में लोगों ने शहर के वेशली इंटर कॉलेज से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आजमगढ़ जिले में प्रिंसिपल के टॉर्चर से परेशान होकर छात्रा ने 31 जुलाई को स्कूल की तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे थी. प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने स्कूल में लगे CCTV चेक किया. CCTV फुटेज में छात्रा प्रिंसिपल के कमरे से सीधे ऊपर जाती दिखाई दी. लगभग सवा घंटे के टार्चर के बाद छात्रा ने स्कूल परिसर की तीसरी मंजिल से कूद कर जान दे दी. फोरेंसिक रिपोर्ट में छात्रा के सिर में चोट लगने से मौत होने की वजह बताई गई है. इस मामले में परिजनों की तहरीर पर जिले के सिधारी थाने में प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था. घटना के दो दिन बाद आजमगढ़ पुलिस की विवेचना में आत्महत्या करने के लिए उत्प्रेरित और साक्ष्य को छिपाने पर धारा 306 और 201 के तहत आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. 


यह भी पढ़ें: अतीक अहमद के बेटे अली पर एक और मुकदमा, पूर्व विधायक के भाई ने रंगदारी में 5 को लपेटा


केस ट्रांसफर होते ही मिली जमानत
लेकिन इस मामले में आजमगढ़ से मऊ विवेचना ट्रांसफर होते ही अगले ही दिन आरोपियों को जमानत मिल गई. इस घटना के विरोध में पीड़ित छात्रा के परिजन शनिवार को सड़क पर उतर कर इंसाफ की गुहार लगाई. छात्रा के परिजनों ने बताया कि ''मामले की विवेचना आजमगढ़ को दी जाए. जिले के एसपी अनुराग आर्य पर हमें पूरा भरोसा है.'' उन्होंने कहा कि ''इस मामले को लेकर हम हाईकोर्ट के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास जाएंगे.''


आजमगढ़ पुलिस पर जताया भरोसा


श्रेया की मां ने कहा कि ''दो दिन हम अपनी बेटी के कर्मकांड में व्यस्त हो गए. वह बहुत बड़े बाहुबली हो सकते हैं, सिस्टम को खरीद सकते हैं. लेकिन आजमगढ़ के सिस्टम को नहीं खरीद पाये और यहां से विवेचना ट्रांसफर करा दिया.'' अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि लोग अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में न भेंजे जहां फूल जैसी बच्चियों को रौंदा जाता है.


Watch: सैर पर निकले युवक पर सरेराह फायरिंग, सामने आया हमले का CCTV VIDEO