Shri Krishna Janmabhoomi Case: श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद में संतों ने बनाई रणनीति, सार्वजनिक होंगे जन्मस्थान से जुड़े दस्तावेज
Shri Krishna Janmabhoomi Case: श्री कृष्ण जन्मभूमि शादी ईदगाह विवाद के बीच रविवार को मथुरा के शीतल रीजेंसी होटल में श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के बैनर तले बैठक हुई.
Shri Krishna Janmabhoomi Case: श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद के बीच रविवार को मथुरा के शीतल रीजेंसी होटल में श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के बैनर तले एक बैठक हुई. इसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि की जगह पर बनी शाही ईदगाह को हटाने की मांग की गई. इतना ही नहीं बैठक में श्री कृष्ण जन्मस्थान से संबंधित ऐतिहासिक, राजस्व और धर्म ग्रंथों से संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक किए गए.
कब्जाकर शाही ईदगाह बनाई गई
बैठक श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में याचिकाकर्ता महेंद्र प्रताप सिंह की ओर से आयोजित की गई. इस दौरान महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह बैठक कई मायनों में अहम है. उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि की जमीन पर औरंगजेब ने कब्जा कर शाही ईदगाह बना दी गई.
संतों की भूमिका को लेकर मंथन
उन्होंने कहा कि शादी ईदगाह जहां बनी है वह जगह भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि है और भगवान का असली गर्भगृह है. इतना ही नहीं बैठक में श्री कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने पर मंथन किया गया. इस पर साधु संतों की क्या भूमिका हो सकती है इस पर भी रणनीति बनाई गई.
13.37 एकड़ जमीन से जुड़ा मामला
बता दें कि श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद कोर्ट में विचाराधीन है. श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास अपने आराध्य भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि की 13.37 एकड़ जमीन मुक्त कराने की मांग की है. न्यास की ओर से शाही ईदगाह का सर्वे कराने की भी मांग की है.
किसने क्या है
बैठक में साधु-संतों ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान आचार्य बद्रीश ने कहा कि भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाए. वहीं, महंत राधप्रसाद देव ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि का निर्माण होकर रहेगा. उधर, गंगा सिंह धाकड़ ने हिन्दू महिलाओं से परिवार बढ़ाने की अपील की. उन्होंने कहा कि बच्चों की संख्या बढ़ानी है धर्म की रक्षा करनी है.
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