लखनऊ : 100 करोड़ की छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है. ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर ने एसआईटी गठित की है. एसआईटी में क्राइम ब्रांच के तीन पुलिस इंस्पेक्टर शामिल किए गए हैं. माना जा रहा है कि अब जांच में तेजी आएगी. इससे पहले राज्य सरकार के आदेश पर हजरतगंज पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कुछ महीने पहले स्कॉलरशिप घोटाले से जुड़ी शिकायत के आधार पर जांच की थी, जिसमें सौ करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति घोटाले की पुष्टि हुई थी. ईडी ने जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

18 नामजद आरोपी
मामले में दस संस्थानों व फिनो बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है. अब तक कुल 18 नामजद व अन्य अज्ञात आरोपी हैं. 6 संस्थान लखनऊ व चार हरदोई जिले के हैं. इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है, वह लखनऊ, हरदोई, फर्रुखाबाद, बाराबंकी, गाजीपुर व बदायूं के रहने वाले हैं. केस से जुड़े तमाम पहलुओं पर जांच होनी है, इसलिए एसआईटी का गठन किया गया है.


 यह भी पढ़ें: 24 घंटे में चार हत्याओं से दहला मेरठ, नगर पालिका चेयरमैन  के भतीजे का भी मर्डर


 


ज्वाइंट सीपी करेंगे जांच की समीक्षा


एसआईटी के तीनों इंस्पेक्टर विवेचना करेंगे जबकि ज्वाइंट सीपी को इसकी मॉनिटरिंग सौंपी गई है. हर हफ्ते जांच की विवेचना और समीक्षा की जाएगी. केस दर्ज होने के बाद हजरतगंज थाने में नियुक्त इंस्पेक्टर प्रमोद पांडेय जांच कर रहे थे. उनकी तरफ से जिला समाज कल्याण विभाग को पत्र लिखकर सभी दस संस्थानों को दी गई छात्रवृत्ति का ब्योरा मांगा था. अब एसआईटी इन सभी तथ्यों को जुटाएगी. ईडी भी अपनी पूरी विस्तृत जांच रिपोर्ट जल्द एसआईटी को सौंपेगी. जिसमें घोटाले का एक एक सबूत है. इससे एसआईटी को जांच में सुविधा होगी. एसआईटी इन सभी तथ्यों का सत्यापन कर आगे की कार्रवाई करेगी. एसआईटी ने अपने स्तर से अब सबूत जुटाने शुरू कर दिए हैं.


WATCH: पीएम मोदी की तारीफ करने पर दबंगों ने मुस्लिम युवक को पीटा, गांव छोड़ने की दी धमकी