Solar Eclipse:  साल 2022 में साल का आज अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लग गया है. इससे पहले 30 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगा था.  आइए जानें 25 अक्टूबर के बाद 2051 तक कब और कितनी देर का लगेगा सूर्य ग्रहण.


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अगला सूर्य ग्रहण
पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक, "भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को दिखाई देगा, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. देश के सभी हिस्सों से वह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में परिलक्षित होगा. अमावस्या को सूर्य ग्रहण तब घटित होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है. वे तीनों एक सीध में आ जाते हैं. आंशिक सूर्य ग्रहण तब घटित होता है, जब चन्द्र चक्रिका सूर्य चक्रिका को आंशिक रूप से ही ढक पाती है."


आने वाले सालों में लगने वाले सूर्य ग्रहण


वर्ष 2027 में लगने वाला सूर्य ग्रहण
2 अगस्त 2027 
दोपहर -5 बजकर 53 मिनट से 5 बजे तक
अवधि-1 घंटा 7 मिनट


2030 में लगने वाला सूर्य ग्रहण
1 जून 2030 
सुबह-10 बजकर 15 मिनट दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक
अवधि-2 घंटा 41 मिनट


2031 में लगने वाला सू्र्य ग्रहण
21 मई 2031 
सुबह-11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 2 बजकर 34 मिनट तक
अवधि -2 घंटा 52 मिनट


2032 में सूर्य ग्रहण
3 नवंबर 2032 
सुबह-9 बजकर 32 मिनट से 10 बजकर 54 मिनट तक
अवधि- 1 घंटा 22 मिनट


2034 में सूर्य ग्रहण
20 मार्च 2034 
शाम -4 बजकर 20 मिनट से 6 बजकर 25 मिनट तक
अवधि- 2 घंटा 3 मिनट


2035 में सूर्य ग्रहण
2 सितंबर 2035 
सुबह 4 बजकर 49 मिनट से शाम 6 बजकर 36 मिनट तक
सूर्य ग्रहण कीअवधि -1 घंटा 47 मिनट


2042 में लगने वाला सूर्य ग्रहण
20 मार्च 2042 
सुबह-6 बजकर 30 मिनट से 7 बजकर 12 मिनट तक
सूर्य ग्रहण की अवधि-2 घंटा 42 मिनट


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2048 में  सूर्य ग्रहण
11 जून 2048 
शाम- 7 बजकर 1 मिनट से 8 बजकर 53 मिनट तक
सूर्य ग्रहण की अवधि 1 घंटा 52 मिनट


2049 में सूर्य ग्रहण
25 नवंबर 2049 
सुबह- 8 बजकर 56 मिनट से 11 बजकर 4 मिनट तक
सूर्य ग्रहण की अवधि 2 घंटा 07 मिनट


2051 में सूर्य ग्रहण
11 अप्रैल 2051 
सुबह- 5 बजकर 42 मिनट से 07 बजकर 1 मिनट तक
सूर्य ग्रहण की अवधि 1 घंटा 28 मिनट


कब लगता है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर आने लगती है.  इस प्रक्रिया को सूर्य ग्रहण कहते हैं.  


सूतक काल क्या होता है?
सूतक  सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण से पूर्व की एक निश्चित समयावधि को कहते हैं.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल के समय पृथ्वी का वातावरण दूषित होता है. सूतक काल में अशुभ दोषों से बचाव के लिए कुछ सावधानी बरतनी चाहिए.


धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण
वहीं, धार्मिक दृष्टि से बात करें तो सूर्य ग्रहण को बहुत ही अशुभ माना जाता है. इसका प्रभाव सभी लोगों पर नकारात्मक रूप से पड़ता है. 


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