परमवीर और अशोक चक्र समेत सभी वीरता पुरस्कारों की खास अहमियत? जानें किसे मिलता है ये सम्मान
गणतंत्र दिवस के मौके पर जवानों को उनकी बहादुरी और बलिदान के लिए वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. आइए जानते हैं हर सम्मान किस तरह खास है.
लखनऊ: गणतंत्र दिवस 2023 आने वाला है. हर भारतीय को इस दिन पर गर्व होता है. इस मौके पर देश के वीर सपूतों को उनके अदम्य साहस के लिए अलग-अलग वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है. इन वीरता पुरस्कारों में सबसे अहम होता है, परमवीर चक्र, जो सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार है. इसके बाद महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र और शौर्य चक्र आते हैं. आज हम आपको सभी पुरस्कारों के महत्व और वह किसे दिया जाता है, इस बारे में बता रहे हैं.
परमवीर चक्र : सेना में मिलने वाला सर्वोच्च सैन्य वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र होता है. यह सम्मान सेना के उन जाबांज जवानों को दिया जाता है, जिन्होंने दुश्मन की मौजूदगी में असाधारण वीरता और आत्म-बलिदान दिया हो. यह चक्र वॉर टाइम में साहसी प्रदर्शन करने के लिए दिया जाता है. सादे बैंगनी रंग का होता है इस चक्र का फीता.
अशोक चक्र : अशोक चक्र का नाम शांति के समय दिए जाने वाले पुरस्कारों में आता है. यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता, शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है. यह पुरस्कार मरणोपरांत भी दिया जा सकता है. यह चक्र राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है.
कीर्ति चक्र : 4 जनवरी 1952 को इस सम्मान की स्थापना हुई थी. सेना, वायुसेना और नौसेना के जवानों और अधिकारियों के अलावा यह पुरस्कार टेरिटोरियल आर्मी और आम नागरिकों को भी दिया जाता है. अब तक 198 जवानों को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया है.
महावीर चक्र : महावीर चक्र वीरता के लिए मिलने वाला दूसरा सर्वोच्च सैन्य वीरता सम्मान है. यह असाधारण वीरता का परिचय देने पर दिया जाता है. गोलाकार और निर्धारित मानक की चाँदी से निर्मित होता है एवं इसके अगले हिस्से पर पांच कोनों वाला उभरा हुआ तारा उकेरा गया है जिसके कोने गोलाकार किनारों को छूते हैं.
वीर चक्र : ये च्रक भारत का युद्ध के समय वीरता का पदक है. वरियता में यह महावीर चक्र के बाद आता है. इस चक्र को भी मरणोपरान्त भी दिया जाता है. वीर चक्र का फीता आधा नीला रंग और आधा नारंगी रंग होता है.
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