आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात: कानपुर देहात में सुशासन का दम भरने वाली खाकी के दावे और कार्यशैली सवालों के घेरे में है. एक तरफ प्रदेश सरकार महिला अपराध पर अंकुश लगाने की बात कर रही है. इन सबके बीच कानपुर देहात में पुलिस न महिलाओं की सुरक्षा कर पा रही है, न खुद की. कानपुर देहात की घायल पुलिस केवल लाठी पीटती नजर आ रही है. आइए बतात हैं पूरा मामला. 


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आपको बता दें कि जमीन पर पड़े पत्थरों को देखकर आपके मन में कई सवाल जरूर उठ रहे होंगे. ये पत्थर भले ही आम हो लेकिन जमीन खास है. दरअसल, ये पत्थर जहां बिखरे हैं वो कानपुर देहात के मंगलपुर थाने परिसर की जमीन है. दरअसल, ये पत्थर पुलिस पर हुए पथराव की कहानी बयां कर रहा है. 


दरअसल, थाने के पास रहने वाले पेशे से वकील साहब के बच्चे अपने छत पर शाम को खेल रहे थे और घर के सामने बनी बस्ती के कुछ दबंग लड़कों ने वकील साहब की बेटियों से अश्लील हरकते करना शुरू कर दी जिसकी जानकारी बेटियों ने अपने पिता को दी और पिता ने बस्ती में जाकर इस अश्लील हरकतों का विरोध किया लेकिन दबंगों के हौसले इस कदर बुलंद थे की उन्होंने वकील साहब को पीटना शुरू कर दिया और जब वकील साहब अपनी जान बचाकर मौके से जागकर थाने में घुस गए तो दबंगों संघ लगभग 50 से अधिक लड़कों ने थाने में घुसे वकील के साथ साथ थाने में मौजूद पुलिस पर भी जानकर पत्थर बाजी शुरू कर दी.


थाने में पड़े पत्थर पत्थरबाजों की दबंगई और बेखौफ इरादों को बयां कर रहे हैं. इस दौरान थाने में महिला दरोगा समेत कई पुलिसकर्मी पत्थर लगने से घायल हो गए, लेकिन किसी भी पुलिस वाले की इतनी हिम्मत नहीं हुई की वो इन दबंगों को सबक सिखा सके. घायल पुलिसकर्मियों ने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई. वहीं, घटना की सूचना पर आलाधिकारी और भारी भरकम फोर्स मौके पर पहुंची. दबंगों की तलाश शुरू कर दी गई है. फिलहाल, पुलिस ने बस्ती के लगभग 20 लड़कों को गिरफ्तार कर लिया है. अन्य की तलाश में दबिश दी जा रही है.


वहीं, घाटना के बाबत पीड़ित वकील ने बताया कि उसके बच्चे छत पर खेल रहे थे. तभी बस्ती के कुछ लड़के बेटियों से अश्लील हरकत करने लगे. इसकी सूचना पुलिस को दी गई. इस दौरान जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो 40-50 लोगों ने वकील को पीटा और थाने में भी पुलिस पर पथराव किया. इस घटना को लेकर पुलिस ने बताया कि वकील साहब की बेटी जब छत पर थी, तो कुछ लड़कों ने अश्लील हरकते की. इसका विरोध करने पर लोगों ने मारपीट की. पुलिस पर भी पत्थरबाजी कर दी. इस मामले में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. आरोपियों की तलाश की जा रही है. बड़ा सवाल ये है जिस पुलिस पर कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है, जब वो ही महफूज नहीं है, तो भला जनता का क्या होगा?