नई दिल्लीः आज की इस प्रतिस्पर्धात्मक और भागदौड़ भरी लाइफ में गलत जीवनशैली की वजह से लोग कई तरह की गंभीर शारीरिक और मानसिक परेशानियों के शिकार हो रहे हैं. सबसे निराशाजनक बात ये है कि आजकल लोग ऐसी बीमारियों का ग्रास बन रहे हैं, जो पहले उम्र बढ़ने के साथ बुजुर्गों को होती थीं. इसमें कम उम्र में ही लोगों की आंखे कमजोर होना और सुनने की क्षमता पर असर पड़ना भी शामिल है. 


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कान शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक है. इनकी केयर तो जरूरी होती ही है और देखभाल बेहद सावधानी से करने की जरूरत होती है. इसे बावजूद लोग अपनी कुछ गलत आदतों को नहीं बदलते, जिसके परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कि सुनने की क्षमता को बनाए रखने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए. 


खराब जीवनशैली और खानपान 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बधिर और सुनने में अक्षमता वाले लोगों का आंकड़ा 63 मिलियन के करीब है. विशेषज्ञों के मुताबिक, खराब जीवनशैली और खानपान में पौष्टिकता की कमी इस बढ़ते आंकड़े की मुख्य वजह है. घंटों फोन की स्क्रीन पर आंखें जमाए रहने, ईयरफोन लगाकर गाने सुनने, फोन पर बातें करने से कान की सेहत प्रभावित होने लगती है. 


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स्मोकिंग करना छोड़ दें 
धूम्रपान करना सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है. बहुत से लोग यह नहीं जानते कि धूम्रपान दिल और फेफड़ों को प्रभावित करने के साथ ही कानों को भी नुकसान पहुंचाता है. रिसर्च के मुताबिक, धूम्रपान में पाया जाने वाला निकोटिन कानों में ब्लड सर्कुलेशन पर असर करता है, जिससे कान की नाजुक कोशिकाओं को नुकसान होता है. रिपोर्ट की माने तो सेकेंड हैंड स्मोक के संपर्क में आने वाले किशोरों को इसस ज्यादा नुकसान होता है. टिनिटस यानी कान बजने की समस्या भी धूम्रपान की वजह से बढ़ रही है.


तेज आवाज में संगीत न सुनें
आजकल लोग ईयरफोन, ब्लूटूथ आदि का बहुत ज्यादा उपयोग करते हैं. इसका सबसे ज्यादा बुरा असर कानों पर पड़ता है. अगर आप रेग्यूलर लाउड म्यूजिक सुनते हैं तो कानों के खराब होने के चांसेज ज्यादा बढ़ जाते हैं. साथ ही इंफेक्शन होने का भी डर बना रहता है. ऐसे में आप यह कोशिश करें कि ईयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल न करें. अगर आप संगीत सुनने के शौकीन हैं, तो धीमी आवाज में गाने सुनें. इससे मन भी प्रसन्न रहेगा औक कान की सेहत पर भी बुरा असर नहीं पड़ेगा. 


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खुद से ही इलाज न करें
वहीं, लोगों की कुछ गलत आदतों के कारण बीते कुछ सालों में लोगों की सुनने की क्षमता काफी प्रभावित हुई है. कान में दर्द या खुजली होने पर अक्सर लोग खुद से ही दवा का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं, जिसका बुरा असर उनके कानों पर पड़ता है. अगर कान में कभी भी कोई समस्या आती है तो डॉक्टर के पास ही जाएं न कि खुद से इलाज करना शुरू कर दें. 


कॉटन ईयरबड्स के इस्तेमाल से बचें
रुई इयरबड्स से कभी भी अपने कानों की साफ सफाई करते लगते हैं, तो इससे कान साफ हो जाते हैं, लेकिन सुनने की क्षमता काफी प्रभावित होती है. साथ ही कॉटन ईयरबड्स का ज्यादा उपयोग करना भी नुकसानदायक है. इसके कारण ईयरड्रम में छेद हो सकता है. इसलिए अपने कानों की सफाई खुद करने से बचें.


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इन समस्याओं को न करें इग्नोर
कई बार कान में दर्द, तेज आवाज सुनाई देना, कानों में आवाज गूंजना या इस तरह की परेशानियां होने लगती है, लेकिन लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. ये लापरवाही आगे चलकर कानों को बहुत नुकसान पहुंचा सकती है. ऐसी किसी भी समस्या का आभास होने पर फौरन डॉक्टर से सलाह लें. खुद से कोई दवा या ईयर ड्रॉप का यूज न करें. 


डिसक्लेमरः संबंधित लेख पाठकों की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए है. जी मीडिया लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और ना ही जिम्मेदारी लेता है. उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें.


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