मोहम्‍मद गुफरान/प्रयागराज : इलाहाबाद केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के मीडिया स्‍टडीज के छात्र की परिसर में हुई मौत के बाद छात्र आक्रोशित हो गए. बुधवार को बड़ी संख्‍या में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मृतक छात्र के परिजन भी मौजूद रहे. आंदोलनरत छात्रों ने विवि प्रशासन को छात्र की मौत के लिए जिम्‍मेदार ठहराया है. प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने महिला प्रोफेसर को खींचकर बाहर निकाल दिया. इतना ही नहीं फाइलें भी फाड़ीं. सड़क जाम करने की भी कोशिश की. 


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यह है पूरा मामला 
दरअसल, इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय के मीडिया स्‍टडीज के छात्र आशुतोष दुबे की मंगलवार को परिसर में ही मौत हो गई थी. बताया गया कि आशुतोष पानी पीने के लिए विश्‍वविद्यालय परिसर की टंकी के पास पहुंचा. आरोप है कि टंकी से पानी पीने के बाद छात्र आशुतोष दुबे की तबीयत बिगड़ गई. 


...तो बच जाती छात्र की जान 
आरोप है कि छात्रों ने विवि प्रशासन से एंबुलेंस मुहैया कराने की मांग की. वहां मौजूद छात्र आशुतोष को ई-रिक्‍शा से अस्‍पताल ले गए, जहां डॉक्‍टरों ने आशुतोष को मृत घोषित कर दिया. छात्रों का आरोप है कि अगर समय से एंबुलेंस और इलाज मिल जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी. 


विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर की नारेबाजी 
आशुतोष की मौत से आक्रोशित छात्र बुधवार को छात्र संघ भवन पर एकत्रित हुए. इसके बाद विवि प्रशासन के खिलाफ नाराजगी प्रकट करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय परिसर के भीतर हुई छात्र की मौत मामले में विवि प्रशासन दोषी है. कुलपति के साथ ही रजिस्टर और डीएसडब्ल्यू के खिलाफ एफआईआर न दर्ज होने पर छात्र आंदोलन को बाध्‍य हुए. 


जिम्‍मेदारों पर दर्ज हो FIR
प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग है कि मृतक छात्र के परिजनों की तहरीर पर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए. साथ ही नैतिकता के साथ जिम्‍मेदार अधिकारियों को पद से अपना इस्‍तीफा देना चाहिए. 


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