पवन सेंगर/लखनऊ: यूपी में 35 नये मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ (एमसीएच) विंग बनेगी. इनमें महिलाओं और शिशुओं को इलाज मिलेगा. प्रत्येक एमसीएच विंग में 100 बेड होंगे. इस लिहाज से करीब 3500 बेड बढ़ेंगे. इनमें संविदा के आधार पर डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व कर्मचारियों की भर्ती होगी. नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के बजट से डॉक्टर-कर्मचारियों को वेतन मिलेगा. प्रदेश में हर साल करीब 55 लाख शिशुओं का जन्म हो रहा है. गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की तैयारी है. इसमें इलाज शुरू होने से बड़े महिला चिकित्सालयों में रोगियों का दबाव कम होगा. समय पर बेहतर इलाज की राह आसान होगी.


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एमसीएच विंग में 1750 डॉक्टर, कर्मचारियों की भर्ती होगी. इसमें 105 गायनोकोलॉजिस्ट, 105 पीडियाट्रिशियन, 105 एनस्थीसिया विशेषज्ञ, 35 पैथोलॉजिस्ट, 35 रेडियोलॉजिस्ट, 140 नर्सिंग स्टाफ, 945 नियोनेटेलॉजिस्ट स्टाफ नर्स, 210 लैब टेक्नीशियन व 70 ओटी टेक्नीशियन की भर्ती होगी. इसके अलावा आया, वार्ड ब्वॉय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी रखे जाएंगे. 
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24 घंटे मिलेगा उपचार


एमसीएच विंग में ओपीडी, एएनसी क्लीनिक, हाई रिस्क एवं सीवियर एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं का प्रबन्धन, सामान्य एवं जटिल प्रसवों का उपचार होगा. सिजेरियन प्रसव होंगे. भर्ती मरीजों की देखभाल केसशीट में सभी बिन्दुओ को पूर्णरूप से भरकर केसशीट की क्वालिटी बढ़ाई जाएगी, 24 घंटे अस्पताल में इलाज की सुविधा होगी. न्यूबोर्न केयर कार्नर बनाया जाएगा. एक्स-रे व अल्ट्रासाउण्ड होंगे.


मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाने की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. नए एमसीएच विंग शुरू होने से बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम होगा। समय पर इलाज होने से मरीजों को राहत मिलेगी. मरीजों को दूर-दराज के अस्पताल तक दौड़ लगाने से भी राहत मिलेगी. डॉक्टर-कर्मचारियों को रोजगार भी मिलेगा. सरकार अपने वादे को ईमानदारी से पूरा करने में जुटी है. जनता का भरोसा किसी भी कीमत पर टूटने नहीं देंगे.