Mahakaleshwar Jyotirlinga: महाशिवरात्रि पर महाकालेश्वर का होगा विशेष पूजन, दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब
श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व का जोर-शोर से उत्सव मनाया जा रहा है. भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिर मेंदर्शन के लिए पहुच रहे हैं.इस दौरान बाबा महाकाल ने शिव तांडव के रूप में अपने भक्तों को दर्शन दिए.
अवतांश कुमार चित्रांश/ उज्जैन: श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व का जोर-शोर से उत्सव मनाया जा रहा है. भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिर मेंदर्शन के लिए पहुच रहे हैं.इस दौरान बाबा महाकाल ने शिव तांडव के रूप में अपने भक्तों को दर्शन दिए. मंदिर के पुजारियों ने नियमानुसार सबसे पहले कोटेश्वर महादेव का पूजन किया उसके बाद बाबा का पंचाभिषेक कर सोला दुसाला ओढ़ा कर शिव तांडव रूप में श्रंगारित किया.
आज होगा बाबा का विशेष पूजन
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर बाबा चार पहर में विशेष पूजन होगा. इसके अलावा 11 ब्राह्मण अभिषेक करेंगे साथ ही इस बार महाशिवरात्रि पर्व पर शनि प्रदोष का खास संयोग बना है, महाशिवरात्रि को लेकर भक्तजनों में खासा उल्लास देखने को मिला है. भारी भीड़ मंदिर में बाबा की एक झलक देखने को उमड़ पड़ी है.
हर रोज की तरह हुआ जलाभिषेक
पुजारी अर्पित गुरु ने अधिक जानकारी देते हुए कहा की सुबह भस्मार्ती के दौरान पंचाभिषेक हर रोज की तरह हुआ. देश व प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की गई। कोटेश्वर महादेव के पूजन के बाद भगवान को नए वस्त्र धारण करवाए गए जिसमें सोला दुसाला, स्वर्ण जड़ित आभूषण धारण कर शिव तांडव रूप में बाबा का पूरा श्रंगार किया गया. महिलाओं ने मंगलगीत गाए, नृत्य किया और बड़े हर्ष उल्लास के साथ पर्व को मनाया.
नौ दिन नौ रूप धारण कर भक्तों को दिए दर्शन
भगवान शिव ने दर्शन के लिए आए अपने भक्तों को नो दिन में नो अलग अलग रूप में दिखाई दिए. पहले दिन भगवान शिव ने चंद्रमोलेश्वर श्रंगार में भक्तों को दर्शन दिए तो वहीं दूसरे दिन भोले शेषनाग श्रंगार में भक्तों को नजर आए.तीसरे दिन शिव का घटाटोप श्रंगार किया गया तो वहीं चौथे दिन छबीना श्रंगारसे भगवान शिव को सजाया गया. पाचवे दिन होल्कर श्रंगार कर भगवान शिव की पूजा अर्चना की गई. छठे दिन भगवान शंकर का मनमहेश श्रंगार किया गया. सातवे दिन आदियोगी शिव का उमा महेश श्रंगार किया गया. आठवे दिन शिव तांडव का रूप धारण कर भक्तों के बीच दिखाई दिए. नवें दिन यानी कि आज भगवान शिव दूल्हा रूप में दर्शन देंगे और इसी दिन सप्तधान रूप में भगवान का शृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे दोपहर में भस्मारती होगी.