Sonbhadra Leopard: एक महीने में तीसरे तेंदुए की मिली लाश, यूपी के जिले में जंगली जानवरों को लेकर फैली सनसनी
Sonbhadra Leopard: सोनभद्र में एक महिनें में तीन तेंदुए की मौत से मचा हड़कंप. शिकारियों के जाल में फसने और ट्रक की चेपेट में आने से हालही में हुई थी दो तेंदुओ की मौत. आज सोनभद्र के चिरहौली के जंगल में मिला एक और तेंदुए का शव. वन विभाग ने जीवों की गणना के दौरान जंगल में तेंदुआ न होने कि की थी पुष्टि.
अंशुमन पांडे/ सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के Sonbhadra के जंगल में एक तेंदुए (Lepord) का शव मिलने ने वन विभाग में हड़कंप मच गया. ग्रामीणों ने घटना की जानकारी वन विभाग को दी. मौके पर पहुकही टीम ने तेंदुए के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं अभी तक तेंदुए की मौत का कारण नहीं पता लगा है.
यह था मामला
सोनभद्र जिले के कैमूर वन प्रभाग में एक बार फिर एक तेंदुए की मौत हो गई. तेंदुए का शव सोमवार चिरहौली के जंगल में पड़ा मिला. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि तेंदुए का शव लगभग दो दिन से यहां पड़ा है. हमारी टीम ने मृत तेंदुए का शव कब्जे में लेकर पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है. तेंदुए के मरने के सटीक वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता लगेगी. वहीं लगातार जंगली जानवरों का शव मृत अवस्था मे पाए जाने से जीव प्रेमियों में वन विभाग के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है.
वन विभाग से ग्रामीण नाराज
स्थानीय ग्रामीण आए दिन गांव में जंगली जानवरों के शव मिलने से खासा नाराज है. वह विभाग ने जिले में किसी भी तेंदुए व बाघ के सबूत ना होने का दावा किया था. ग्रामीणों ने वन विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग ने जिले में किसी भी तेंदुए व बाघ के सबूत ना होने का दावा किया था. लोगो का आरोप है जंगलो के तरफ अवैध खनन व अवैध पेड़ो के कटान में लिप्त लोगो के साथ वन विभाग के कुछ अधिकारियों की संलिप्ता है इसी वजह से वन विभाग ने किसी बड़े जानवरो की मौजूदगी से इंकार किया है.
एक महीने में जिले में मिली तीसरे तेंदुए की लाश
सोनभद्र में पिछले एक महीने में तेंदुए का यह तीसरा शव मिला है. जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले ही शिकारियों के जाल में फस जाने से एक तेंदुए की मौत हो गई थी. उसके बाद 15 फरवरी मारकुंडी घाटी में अज्ञात वाहन की चपेट में आकर एक तेंदुए की मौत हो गई. और अब इस घटना से वन विभाग और ग्रामीण सकते में हैं.
तीन वर्ष में होती है जीवों की गणना
वन विभाग की ओर से प्रत्येक तीन वर्ष पर वन्य जीवों की गणना कराई जाती है. गत वर्ष अप्रैल-मई में गणना के दौरान वन विभाग की टीम को कैमूर के जंगलों में कहीं भी तेंदुए की मौजूदगी के निशान नहीं मिले थे. गणना के आधार पर विभाग की टीम ने कैमूर के जंगलों में तेंदुआ न होने का दावा किया था लेकिन इसके कुछ माह बाद ही तीन तेंदुए की मौत ने सबको सकते में डाल दिया है.
अवैध खनन जीवों की मौत के कारण की वजह
कैमूर वन्य जीव अभ्यारण्य में तेंदुए की मौत के लिए पीयूसीएल के प्रदेश सचिव विकास शाक्य एडवोकेट ने अवैध खनन को कारण बताया है. सचिव ने बताया कि अवैध खनन और सेंचुरी के बेहद करीब बफर जोन में भारी ट्रकों की आवाजाही से लगातार वन्य जीव प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से सोनभद्र में सेंचुरी एरिया के एक किमी दायरे को बफर जोन घोषित कर कई दिशा-निर्देश व मानक जारी किया है.