सत्यप्रकाश/ अयोध्या: राम जन्मभूमि तक श्रद्धालुओं को सुगमता पूर्वक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार राम पथ का निर्माण करा रही है. राम पथ की जद में आ रहे व्यापारियों के मकान व दुकान का उचित मुआवजा न मिलने पर शुक्रवार को साहबगंज के जानकी मंदिर में व्यापारियों व उनके परिवार वालों ने मौन अनशन किया. अनशन के दौरान उचित मुआवजा न मिलने पर महिलाओं के आंसू छलक पड़े. भावुक होकर महिलाओं ने कहा कि सरकार उनको उचित मुआवजा दे. राम पथ के निर्माण की जद में आने वाली अधिकतर मकान और दुकान नजूल की जमीन पर बने हुए हैं जो या तो पट्टा सुदा है या तो पर्चा सुदा. सरकार पट्टा सुदा व पर्चा सुदा जमीन को सरकारी जमीन मानती है जिसके कारण व्यापारियों को केवल उनके भवन का मुआवजा मिल रहा है. व्यापारियों का कहना है कि जब जमीन हमारी नहीं तो फिर बैनामा कैसा. विकास प्राधिकरण ने कैसे उस जमीन का नक्शा बनाया.


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नगर पालिका और नगर निगम ने कैसे उस पर टैक्स लिया. अगर प्राधिकरण नक्शा बना सकता है नगर निगम टैक्स ले सकता है तो उस जमीन का मुआवजा भी मिलना चाहिए. एडीएम प्रशासन अमित सिंह का कहना है पर्चा सुदा व पट्टा सुदा जमीन केवल लोगों को सरकार ने रहने के लिए दी थी जब सरकार को जरूरत होगी तो जमीन ले सकती है. ऐसे में उन्हें केवल भवन का ही मुआवजा दिया जाएगा. जमीन का मुआवजा न मिलने पर व्यापारी आंदोलित हैं और जगह-जगह धरना प्रदर्शन और अनशन कर रहे हैं. 


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दरअसल राम जन्मभूमि तक श्रद्धालुओं को सुगमता पूर्व पहुंचाने के लिए राज्य सरकार सहादतगंज से नया घाट तक 13 किलोमीटर राम पथ बनाकर उसे चौड़ीकरण कर रही है.चौड़ीकरण की जद में आने वाले मकान और भवन सड़क के बीच से 10 मीटर इधर और 10 मीटर दूसरी तरफ दोनों तरफ मिलाकर 20 मीटर जमीन अधिग्रहित कर रही है.