Kanpur Dehat: जीएसटी टीम का घेराव कर व्यापारियों ने किया हंगामा,नहीं हो सकी कार्रवाई
कानपुर देहात में लगातार पिछले 3 दिनों से जीएसटी टीमों की छापेमारी से व्यापारियों के गुस्सा खुलकर सामने आ गया. शनिवार को अकबरपुर में जीएसटी की छापेमारी से आक्रोशित व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद करने के बाद जीएसटी टीम का घेराव कर हंगामा किया.
आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात : कानपुर देहात में लगातार पिछले 3 दिनों से जीएसटी टीमों की छापेमारी से व्यापारियों के गुस्सा खुलकर सामने आ गया. शनिवार को अकबरपुर में जीएसटी की छापेमारी से आक्रोशित व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद करने के बाद जीएसटी टीम का घेराव कर हंगामा किया. व्यापारियों ने जीएसटी टीम पर छापेमारी कर व्यापारियों में दहशत का माहौल बनाने व शोषण करने का आरोप लगाया. वहीं व्यापारियों हंगामा बढ़ता देख जीएसटी टीम को वापस लौटना पड़ा.
कानपुर देहात में पिछले तीन दिनों से जीएसटी टीम जिले में छापेमारी कर रही है. इससे रसूलाबाद,झींझक व रूरा में छापेमारी की कार्रवाई की जानकारी होने के बाद से लगातार व्यापारियों में दहशत का माहौल बना हुआ था, जिसके चलते पिछले तीन दिनों से बाजार बंद रहने के चलते सन्नाटा पसरा हुआ था. शनिवार को सहायत आयुक्त अजमुल्ला अंसारी की अगुवाई में जीएसटी टीमअकबरपुर में एक परचून की दुकान में जांच पड़ताल करने पहुंची तो व्यापारियों का गुस्सा फूट पड़ा. जीएसटी टीम के अधिकारियों के बीच बहस हो गई और अकबरपुर के व्यापारी नेता व व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद कर जीएसटी टीम का घेराव कर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा बढ़ता देख जीएसटी टीम को बैरंग लौटने को मजबूर होना पड़ा. मौके पर जब पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी पहुंचे तब जाकर कहीं व्यापारी नेता शांत हुए.
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कितनी उचित हैं व्यापारियों की मांग
व्यापार मंडल के अध्यक्ष महेश चंद्र अग्रवाल के मुताबिक जीएसटी टीम के छापेमारी से जनता व व्यापारियों के बीच में डर का माहौल है. इससे व्यापारी नाराज हैं. जीएसटी टीम का कोई मानक नहीं है कि किसके यहां छापा पड़ेगा और किसके यहां नहीं पड़ेगा. अगर किसी की शिकायत है तो उसके यहां बिल्कुल जाएं लेकिन सूचना देकर जाएं और साथ में व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को ले लें लेकिन इस तरीके से छापामारी कर यह लोगों दहशत का माहौल पैदा कर रहे हैं. हालांकि सवाल यह है कि यदि जीएसटी अधिकारी पूर्व सूचना देकर कार्रवाई करने जाएंगे तो उन्हें हासिल क्या होगा. क्या इससे कर चोरी करने वाले व्यापारियों को अपने बचाव के लिए वक्त नहीं मिल जाएगा.